काशीपुर । यहां रामनगर रोड पर राजकीय चिकित्सालय के नजदीक सड़क पर आमरण अनशन की तख्ती लगाकर बैठी विवाहिता लोगों की सहानुभूति का केंद्र बन गई। विवाहिता का आरोप है कि उसके ससुरालवाले उस दहेज के लिए उत्पीड़ित कर रहे हैं और उसे जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।
यहाँ काशीपुर की सैनिक कालोनी निवासी एक महिला ने 12 वर्ष पूर्व देहरादून के बल्लूपुर निवासी निशान सिंह बघेल से प्रेम विवाह किया था। तब उसके पति गुजरात के बड़ोदरा में नौकरी करते थे। विवाहिता ने बताया कि पिछले साढ़े चार वर्षों से उसे ससुराल से निकाल दिया गया है। दहेज की मांग को लेकर उसका उत्पीड़न किया जाता रहा। इस बीच उसने देहरादून में एक साल तक निजी संस्थान में नौकरी कर गुजारा किया। लेकिन वहाँ उसके साथ गलत व्यवहार के चलते उस नौकरी छोड़कर काशीपुर में अपने सैनिक कालोनी स्थित मायके आना पड़ा। तब से वह यहीं रह रही हैं। महिला को अब यह भी पता नहीं कि उसके पति और ससुराल वाले अब कहाँ है।
महिला ने वहां पहुंचे पत्रकारों को अपनी आपबीती सुनाई। उसने बताया कि वह अपने ससुरालवालों के अत्याचार के खिलाफ सभी सक्षम अधिकारियों के पास गई लेकिन कहीं से भी उसे न्याय नहीं मिला। उसने पुलिस अदालत और राजनेताओं तक अपनी पीड़ा पहुंच लेकिन हर जगह से उसे निराशा ही हाथ लगी। सब जगह से थक हार कर उसने सारी कार्यवाही के दस्तावेज फाड़ डाले। और खुद कुछ करने का फैसला लिया। विवाहिता की मांग है उसे सुरक्षा प्रदान की जाये। वह वापस अपने ससुराल जाना चाहती है लेकिन उसे वहां अपनी जान का खतरा है।
विवाहिता ने बताया कि उसने प्रधानमंत्री मोदी को भी पत्र लिखा है कि उसे न्याय दिलाया जाये। पीड़ित महिला ने इच्छा जताई कि वह अब राजनीति में आना चाहती है। राजनीति शास्त्र से एमए और फैशन डिजाइनिंग का उसने कोर्स किया है।
रामनगर रोड पर बैठी विवाहिता लोगों के कौतूहल का केंद्र बनी हुई है। महिला अपनी व्यथा तो सुना रही है पर उसमें कितनी सच्चाई है यह तो जांच का विषय है। हालांकि मीडिया कर्मियों ने जब उससे पूछा कि क्या उसका इस तरह से सड़क पर बैठना उचित है तो उसने जबाब दिया कि वह उसका लोकतांत्रिक अधिकार है। मीडिया कर्मियों ने उसे समझाने का प्रयास किया कि सड़क पर इस तरह बैठने के बजाय किसी उचित माध्यम से सरकार तक अपनी बात पहुंचाये ।