काशीपुर । लॉकडाउन पार्ट 3 में शराब की दुकानें सरकार द्वारा कुछ शर्तों के साथ खोले जाने को लेकर जहाँ सुरा प्रेमी जश्न मनाने में लगे हैं वहीं एक मासूम छात्रा के सवालों पर सरकार कटघरे में खड़ी हो गई है। छात्रा ने सवाल पूछने के साथ सुझाव भी दिया है।
सवाल भले ही एक छात्रा ने उठाया है पर यह सवाल समाज को उद्वेलित करने वाला है। शब्द दूत को जो इस छात्रा वैष्णवी ने अपनी सरल भाषा में बताया वह इस एक छात्रा का कथन नहीं है वरन देश के लाखों छात्र छात्राओं के मन में उठ रहा प्रश्न है। शिक्षा के मुकाबले शराब को महत्व देने वाली सरकारी व्यवस्था बनाने वाले सत्ताधीश शायद ही इस सवाल का जबाव दे पायें। इसके समर्थन में कुतर्क भले ही दिये जा सकते हैं। क्योंकि कुतर्क का कोई जबाब नहीं होता।