@शब्ददूत ब्यूरो
नई दिल्ली। किरण नेगी के बलात्कारियों व हत्यारों को फांसी की सजा की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट से इंडिया गेट तक कैंडल मार्च का आयोजन हुआ।
इस कैंडल मार्च में सैकड़ों लोगों ने भाग लेकर न्यायिक प्रकिया में करीब 8 साल तक के विलम्ब पर अपना रोष व्यक्त किया।
बता दें कि कि दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में किरण नेगी आफिस से शाम को घर लौट रही थी तभी कुछ दबंगों ने उसका अपहरण कर लिया। चार दिन बाद उसका क्षत-विक्षत शरीर हरियाणा के खेतों में पाया गया। आरोप है कि पुलिस ने इन दबंगों के प्रभाव में एफआईआर तक दर्ज नहीं की । लेकिन उत्तराखंडी समाज के दबाव में आखिरकार उनको एफआईआर दर्ज करनी पड़ी। फिर शुरु हुआ दिल्ली के द्वारका कोर्ट में सुनवाई का लंबा दौर। इस दौरान किरण के परिवार वालों को को एक लंबे प्रताड़ना के दौर से गुजरना पड़ा। अंततः द्वारका कोर्ट ने इन अभियुक़्तों को फांसी की सजा सुनाई। इसके पश्चात हाई कोर्ट ने भी इस सजा को बरकरार रखा। अब सुप्रीम कोर्ट मे कल 12 दिसम्बर को इस मामले में अंतिम सुनवाई होनी है।
उत्तराखंड एकता मंच के संजय नौडियाल के अनुसार इस कैंडल मार्च का उद्देश्य समाज को महिलाओं के प्रति जागरूक व संवेदनशील बनाना व माननीय सर्वोच्च न्यायालय से किरण नेगी को न्याय दिलाना था।
सुप्रीम कोर्ट से चलकर प्रदर्शनकारी इंडिया गेट के पास पटियाला हाउस कोर्ट तक पहुंचे जहां पर जनसभा का आयोजन हुआ। इस अवसर पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी मौजूद थे।