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काशीपुर : गोविषाण टीले का कायाकल्प करेगा इंडियन आयल, सौन्दर्यीकरण योजना का प्रस्ताव सौंपा पुरातत्व विभाग को

काशीपुर । नगर के ऐतिहासिक और पौराणिक पुरातत्व महत्व को अपने आप में समेटे गोविषाण टीले का कायाकल्प होने जा रहा है। इसके लिए देश की पेट्रोलियम क्षेत्र की कंपनी इंडियन आयल को पीपीपी मोड के तहत गोविषाण टीले को सौंपा जा रहा है। पुरातत्व विभाग के संरक्षण सहायक एम एस रावत ने शब्द दूत को यह जानकारी दी।बता दें कि काशीपुर में द्रोणासागर के नजदीक स्थित गोविषाण टीले का अपना महत्व है। अब इस पुरातात्विक क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से इसमें तमाम सौन्दर्यीकरण की योजना है। विभाग के संरक्षण सहायक रावत ने बताया कि इंडियन आयल ने पुरातत्व विभाग को एक प्रस्ताव सौंपा है। इस प्रस्ताव पर भारतीय पुरातत्व विभाग से मंजूरी मिलते ही इस पर कार्य प्रारंभ हो जायेगा। प्रस्ताव में गोविषाण टीले के पुरातात्विक स्वरूप से छेड़छाड़ किये बिना इसको विकसित किया जायेगा। ताकि यहाँ पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके। पार्क और इस क्षेत्र के महत्व को दर्शाते हुए ऐतिहासिक और पौराणिक स्थल के बारे में लोगों को जानकारी दी जायेगी।साथ ही इस गोविषाण टीले पर असामाजिक तत्वों के प्रवेश को रोकने के लिए भी एक कार्ययोजना तैयार की जा रही है। यहां तैनात पुरातत्व विभाग के कर्मचारियों को सुरक्षा मुहैया न होने की वजह से असामाजिक तत्वों के विरूद्ध कार्रवाई नहीं हो पाती। ऐतिहासिक महत्व के इस स्थल पर नशेड़ीयो का जमघट लगा रहता है। तमाम तरह की घनी झाड़ियों की वजह से यह स्थल ऐसे तत्वों के लिए स्वर्ग है।किले के समीप स्थित पेड़ों पर लोगों ने खुरच कर अपने नाम लिख दिये हैं। जिससे उन पेड़ों को नुकसान पहुंच रहा है। यही नहीं अनेक युवा युवती ने गोविषाण टीले को शहर का लवर पाइंट बना लिया है। और यही युगल यहाँ पेड़ों पर प्रेम के प्रतीक के रूप में अपने नाम के अद्यक्षर लिख देते हैं।

 उधर राज्य सरकार की 13 डिस्ट्रिक 13 डेस्टिनेशन के अन्तर्गत द्रोणासागर , गोविषाण टीले व हरिपुर बौर जलाशय को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिये जिलाधिकारी डा0 नीरज खैरवाल की अध्यक्षता में एक बैठक जिला अधिकारी कैम्प कार्यालय में आयोजित की गई। उन्होने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा जो भी कार्य करें उसके लिये ऊंची सोच रखें ताकि भविष्य में लोग उस कार्य की प्रंशसा करें। उन्होने कहा द्रोण सागर व गोविषाण टीले का इतिहास सदियों पुराना है। इस धरोहर को संजोकर रखना व इसे विकसित करना राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है। उन्होने कहा इसको अमली जामा पहनाने के लिये अधिकारियों को जो दायित्व दिये है उसे एक मिशन के रूप में लें ताकि आने वाले समय में इन क्षेत्रों में अधिक से अधिक पर्यटक आकर इन्हें देख सकें। जिलाधिकारी द्वारा आज द्रोण सागर व गोविषाण टीले की विस्तृत सर्वे कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु संयुक्त मजिस्ट्रेट विशाल मिश्र की देख-रेख में एक टीम को काशीपुर भेजा उन्होने कहा यह टीम संयुक्त रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। उन्होने कहा इससे पूर्व द्रोण सागार के विकास हेतु जो समिति बनाई गई थी उसका भी अध्ययन किया जाय यह समिति का गठन कब किया गया था। समिति द्वारा द्रोण सागर के लिये पूर्व में क्या-क्या कार्य कराये गये हैं। जिलाधिकारी ने निर्देश देते हुए कहा टिहरी झील के विकास हेतु जो टीम कार्य कर रही है उससे भी बात कर ली जाय ताकि द्रोण सागर में मूलभूत सुविधऐं उपलब्ध करायी जा सकें।

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