@शब्द दूत ब्यूरो (04 नवंबर 2025)
देहरादून। उत्तराखंड राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष पर आयोजित विधान सभा के विशेष सत्र में अवैध मजारों और अतिक्रमण का मुद्दा गूंज उठा। विपक्ष कांग्रेस ने सरकार पर एक समुदाय विशेष को निशाने पर लेने का आरोप लगाया, जिस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दो टूक कहा कि सरकार विधि-विधान के अनुसार चल रही है और किसी भी अवैध कब्जे को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जसपुर से कांग्रेस विधायक आदेश चौहान ने सदन में कहा कि धामी सरकार मजारों को तोड़कर एक समुदाय में भय का माहौल पैदा कर रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नौकरशाही जन प्रतिनिधियों की बात नहीं सुनती और धार्मिक उन्माद फैलाकर विकास की बात नहीं की जा सकती। चौहान का इशारा मुस्लिम समुदाय की ओर था।
मुख्यमंत्री धामी ने इन आरोपों का जवाब देते हुए स्पष्ट कहा कि “सरकार कानून का पालन करती हुई चलती है। किसी भी समुदाय विशेष को परेशान करने का सवाल ही नहीं उठता। लेकिन सरकारी भूमि पर हरी, नीली या पीली चादर डालकर किए गए अवैध कब्जे बर्दाश्त नहीं होंगे। ऐसे अतिक्रमण कानून के तहत हटाए गए हैं और आगे भी यह अभियान जारी रहेगा।”
धामी ने कहा कि यह कार्रवाई धर्म या समुदाय नहीं, बल्कि कानून के दायरे में की जा रही है। मुख्यमंत्री के जवाब के दौरान सदन में माहौल गरमा गया, वहीं उनका बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। कांग्रेस विधायक आदेश चौहान, जो पहले बीजेपी में रह चुके हैं, उनके ताजा बयान को राजनीतिक विश्लेषक मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति से जोड़कर देख रहे हैं।
मुख्यमंत्री धामी के कड़े रुख ने साफ कर दिया है कि राज्य सरकार अवैध मजारों और सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के खिलाफ अपने अभियान को किसी भी सूरत में नहीं रोकेगी।
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