काशीपुर । 19 नवंबर को कुमाऊं कमिश्नर राजीव रौतेला ने गोविषाण टीले पर धरोहर सप्ताह के तहत एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया था। इस मौके पर जिलाधिकारी नीरज खैरवाल पुरातत्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और आईआईएम के निदेशक भी मौजूद रहे थे। दावा किया गया कि यह प्रदर्शनी 25 नवंबर तक चलेगी। लेकिन उद्घाटन के दूसरे ही दिन प्रदर्शनी उखड़ गयी और मैदान साफ हो गया।
प्रदर्शनी के जल्द उखड़ने के पीछे अधिकारी बताते हैं कि लोगों की रूचि नहीं थी और प्रदर्शनी देखने लोग नहीं आ रहे थे। ये अधिकारियों का अपना तर्क हो सकता है लेकिन पुरातत्व विभाग इस प्रदर्शनी का समय रहते प्रचार प्रसार नहीं कर पाया। वहीं पुरातत्व संरक्षण के नाम पर काशीपुर की धरोहर गोविषाण टीले को देखने के लिए विभाग स्थानीय निवासियों को तरसाता है। धरोहर को तालों में बंद कर दिया गया है सरंक्षण के नाम पर।
बीती 19 नवम्बर को जब इस प्रदर्शनी का शुभारम्भ कुमायुं आयुक्त राजीव रौतेला ने किया था तब उन्होंने कहा कि विश्व धरोहर सप्ताह मनाने का उद्देश्य लोगों में सांस्कृतिक विरासत और स्मारकों की सुरक्षा और संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के द्वारा आयोजित इस छाया चित्र प्रदर्शनी का उद्देश्य स्कूली बच्चों व स्थानीय लोगों को स्मारकों के इतिहास के बारे में जानकारी उप्लब्ध कराना था विश्व धरोहर सप्ताह बीती 19 से शुरू होकर आगामी 25 नबंवर तक चलना था । इसके लिए पुरातत्व विभाग द्वारा नगर के विभिन्न स्कूलों के साथ ही स्थानीय संगठनों से सम्पर्क साध कर आने का न्योता दिया गया था । इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवा पीढ़ी को हमारी अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जागरूक बनाना है। परन्तु लोगों की दिलचस्पी नहीं होने के कारण इसे समय से पूर्व ही समाप्त कर दिया गया।