मुंबई। दो दिन पहले शरद पंवार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात होती है। महाराष्ट्र के किसानों की समस्याओं पर बात होती है दोनों के बीच। और दो दिन बाद महाराष्ट्र में एनसीपी नेता और शरद पवार के भतीजे अजीत पंवार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेते हैं। राजनीतिक चक्रव्यूह में फंस जाती है शिवसेना। हालांकि शरद पंवार कह रहे हैं कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने का फैसला एनसीपी का नहीं अजीत पंवार का व्यक्तिगत फैसला है। और उन्होंने कहा है कि मेरी इजाजत के बगैर लिया है अजीत पवार ने यह फैसला।
महाराष्ट्र की महा-उलटफेर वाली सियासत के बीच एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने एनसीपी नेता और अपने भतीजे अजीत पवार के बीजेपी को समर्थन देने पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। शरद पवार ने ट्वीट करते हुए लिखा कि यह फैसला उनकी जानकारी के बिना लिया गया है।
शरद पवार ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि यह एनसीपी का फैसला नहीं है। उन्होंने कहा कि यह अजीत का निजी फैसला है। शरद पवार से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री और सीनियर एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल भी साफ कर चुके हैं कि यह फैसला एनसीपी का नहीं है और शरद पवार की सहमति के बिना हुआ है।
बता दें कि 288 विधानसभा सीटों वाले महाराष्ट्र में बहुमत से सरकार बनाने के लिए कम से कम 145 विधायकों की जरूरत पड़ती है। हाल ही में हुए चुनावों के बाद बीजेपी के पास 105 विधायक हैं। उसे सरकार बनाने के लिए 40 विधायकों की जरूरत है।
गौरतलब है कि एनसीपी के पास 54 विधायक हैं, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ‘एनसीपी के सिर्फ 22 विधायक ही बीजेपी के साथ हैं। ऐसे में बीजेपी को 18 सदस्यों की और जरुरत पड़ेगी।