@शब्द दूत ब्यूरो (24 मई 2025)
काशीपुर। उत्तराखण्ड परिवहन निगम ने बीते माह 24 अप्रैल को उत्तराखण्ड एवं सीमावर्ती राज्यों के विभिन्न मार्गों पर जलपान / टायलेट हेतु बसों के ठहराव हेतु आठ ढाबों को नामित किया है। इन ढाबों को अनुबन्धित करने को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
काशीपुर कचनाल गाजी निवासी जसपाल सिंह ने इस संबंध में शासन प्रशासन को एक पत्र भेजकर अनुबन्धित किये गये ढाबों पर आपत्ति जताई है। जसपाल सिंह का कहना है कि उत्तराखण्ड राज्य के हिन्दू यात्री व हिन्दू विचारधारा से संबंधित यात्री उक्त ढाबों का भोजन करने से बच रहे हैं क्योंकि जिन ढाबों को आपने अनुमति दी है, उनमें पाँच ढाबे मुस्लिम व्यक्तियों के हैं। ढाबों की जानकारी देते हुए बताया कि मौ० साजिद पुत्र मौ० रियाजुद्दीन, स्वामी दीपमाला ढाबा, ग्राम जड़ौदा, परगना तहसील -व जिला मुजफ्फरनगर, मौ० नदीम पुत्र अमीर अहमद, स्वामी -खतौली बाईपास, जिला मुजफ्फरनगर। पंचगंगा ढाबा, ग्राम भैसी, तहसील खतौली,इसरत पुत्र अब्दुल हमीद, स्वामी अम्बाला -चण्डीगढ़ ढाबा, ग्राम मनका, मनकी बरारा, इमदाद पुत्र श्री इकबाल, स्वामी शिवा पंजाबी टूरिस्ट ढाबा, खसरा सं० 82, फन एण्ड -फूड कार्निवाल के सामने, एन.एच.-58, खतौली, जिला मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश ,गुलजार पुत्र आमीर आजम, स्वामी संगम टूरिस्ट ढाबा, ग्राम अकबरपुर, एन.एच. -58, देवराना रेस्टोरेंट के सामने, तहसील खतौली, जिला मुजफ्फरनगर इन ढाबों के मालिक हैं।
जसपाल सिंह ने पत्र में लिखा है कि ढाबों पर उत्तराखण्ड की बसों का ठहराव विभाग द्वारा निश्चित किया गया है जिससे हिन्दू धर्म की भावनाओं को ठेस पहुँच रही है। उसने आरोप लगाया कि यह ढाबा संचालक हिन्दू लोगों का धर्म भ्रष्ट करने में लिप्त हैं तथा इन सभी ढाबा संचालको ने अपने ढाबों का नाम हिन्दू संस्कृति पर रखकर हिन्दुओं को धोखा दिया है। परन्तु विभाग द्वारा जारी आदेश में इन मुस्लिमों के सही नाम हैं। जसपाल सिंह ने कहा कि फिर भी विभाग द्वारा जानबूझकर भ्रष्टाचार में लिप्त होकर इस प्रकार की कार्यवाही की गई है।
जसपाल सिंह ने अनुरोध किया है कि उत्तराखण्ड परिवहन की बसों का ठहराव उपरोक्त ढाबा संचालकों के अनुबंध निरस्त कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की कृपा करें।