@शब्द दूत ब्यूरो (31 दिसंबर 2024)
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार को लेकर देश भर में लोग आक्रोशित हैं और बांग्लादेश के खिलाफ तमाम विरोध प्रदर्शन भी हुये।
हिंदुओं पर अत्याचार, मंदिरों पर हमले और आगजनी की घटनाएं भी सामने आईं। इसके बावजूद भारत ने मानवीयता का उदाहरण देते हुए बांग्लादेश की मदद करते हुए 2 लाख टन चावल भेजने का फैसला किया है। जिसमें 27,000 टन चावल की पहली खेप चटगांव बंदरगाह के जरिए बांग्लादेश पहुंच चुकी है।
दरअसल यह चावल भारत और बांग्लादेश के बीच हुए 2 लाख टन चावल के निर्यात समझौते का हिस्सा है। बांग्लादेश के एक खाद्य अधिकारी के अनुसार, हाल की भीषण बाढ़ के चलते भविष्य में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए यह चावल आयात किया जा रहा है। बांग्लादेश ने चावल की कीमतों को स्थिर रखने और पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित करने के लिए चावल के आयात पर सभी कर हटा दिए हैं।
यहाँ तक कि शून्य आयात शुल्क पर भारत से चावल मंगाया जा रहा है। साथ ही, बांग्लादेश सरकार ने 200,000 टन चावल के अतिरिक्त 100,000 टन चावल और आयात करने की योजना बनाई है।
भारत के उच्चायुक्त प्रणय कुमार वर्मा ने कहा कि भारत, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ काम करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। 5 अगस्त के घटनाक्रमों के बाद भी भारत ने अपने पड़ोसी देश के साथ बातचीत और सहयोग बनाए रखा है। भारत की यह मदद न केवल कूटनीतिक संबंधों को मजबूती देती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि वह हर परिस्थिति में अपने पड़ोसियों का साथ देने के लिए तैयार है।