@शब्द दूत ब्यूरो (30 दिसंबर 2024)
काशीपुर । दीपक और संदीप दो युवा चेहरे काशीपुर की नयी पीढ़ी के हाथ में जाती राजनीतिक विरासत का दौर है। लंबे समय बाद शहर की राजनीति अपने रोमांचक और दिलचस्प दौर में पहुंची है। पिछले दो दशक से काशीपुर के चुनावी इतिहास में कुछ गिने चुने चेहरे ही दोहराए जा रहे थे जिस वजह से से शहर की चुनावी राजनीति में आम आदमी की दिलचस्पी कम होती जा रही थीं।
चुनावी राजनीति में कम दिलचस्पी का कारण, चुनावों में चाहे वो मेयर का चुनाव हो या विधायक का, अमूमन लोगों को चेहरों और परिणाम को लेकर कोई विशेष उत्कंठा नहीं रहती थी। लेकिन इस बार का मेयर चुनाव पिछले चुनावों से अलग होने जा रहा है।
कांग्रेस के संदीप सहगल हों या भाजपा के दीपक बाली दोनों ही युवाओं पर अच्छी पकड़ रखते हैं। इन दोनों का मुकाबला कांटे का रहेगा। दीपक बाली ने तीन चार साल पहले ही राजनीति में कदम रखने के बाद जिस तरह से अपने राजनीतिक वजूद को बढ़ाते हुए शहर से लेकर प्रदेश स्तर पर अपनी मजबूत राजनीतिक जमीन तैयार कर भाजपा जैसी अजेय मानी जाने वाली पार्टी से मेयर का टिकट हासिल किया वह उनके राजनीतिक कौशल का प्रमाण है।
उधर संदीप सहगल ने कांग्रेस से मेयर का टिकट हासिल किया है। उनके लंबे संघर्ष और धैर्य के चलते आज वह मेयर के महत्वपूर्ण पद पर प्रत्याशी बनाये गये हैं। हालांकि पिछले कुछ समय से कांग्रेस जिस तरह से यहाँ से टिकट वितरण कर रही थी उससे परिणाम का अनुमान पहले से ही जनता लगा लेती थी। लेकिन इस बार संदीप सहगल ऐसा चेहरा है जो शुरू से ही मुकाबले में मजबूत माने जाने लगे हैं।
एकतरफा परिणाम की स्थिति इस बार अपेक्षित नहीं माना जा सकता। खास बात यह रहेगी पार्टी पर दोनों ओर से हमले होंगे जैसा कि रवायत है लेकिन इस चुनाव में कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशियों के बीच व्यक्तिगत हमलों की राजनीति की उम्मीद नहीं होगी।