@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (03 मार्च, 2022)
रूसी सेना यूक्रेन में भयंकर तबाही मचा रही है। अब भी वहां पर सैकड़ों छात्र फंसे हुए हैं। इस बीच, यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने कहा कि छात्रों के हालात पर हमें भी बुरा लग रहा है। लेकिन हम क्या कर सकते हैं ? क्या हम रूस के राष्ट्रपति पुतिन को कह सकते हैं कि युद्ध को रोक दें।
दरअसल, कश्मीर के एक वरिष्ठ वकील ने मुख्य न्यायाधीश की बेंच के सामने याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की थी। उन्होंने बताया कि 213 छात्र अभी भी यूक्रेन- रोमानियां बॉर्डर पर फंसे हुए हैं। इनमें से ज्यादातर छात्राएं हैं। उनके पास पैसे भी खत्म हो चुके हैं। ऐसे में केंद्र को उनकी मदद करने और वापस लाने को कहा जाए।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हम इसमें क्या कर सकते हैं। एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा गया कि भारत के मुख्य न्यायाधीश कुछ नहीं कर रहे हैं। छात्रों के हालात पर हमें भी बुरा लग रहा है। लेकिन हम क्या कर सकते हैं? क्या हम रूस के राष्ट्रपति पुतिन को कह सकते हैं कि युद्ध को रोक दें। फंसे छात्रों के मुद्दे पर अटार्नी जनरल के साथ सुप्रीम कोर्ट विचार करेगा।
वहीं इस मामले को लेकर अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए और मुख्य न्यायाधीश को मामले की जानकारी दी। मुख्य न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता छात्रा का ब्योरा मांगा। अटॉर्नी जनरल को कहा कि वो इसका ब्योरा नोट कराएं। याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि याचिकाकर्ता यूक्रेन में मेडिकल की छात्रा है। लगभग 250 छात्र फंसे हैं। रोमानिया बॉर्डर से उनको निकाला नहीं जा रहा है। वो यूक्रेन बॉर्डर पर हैं उनको रोमानियां जाने की इजाजत नहीं है।