@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (03 सितंबर, 2021)
तालिबान अफगानिस्तान में नई सरकार के स्वरूप और उसमें शामिल लोगों के बारे में ऐलान कर सकता है। जिस तरह से उसने सत्ता हासिल की है, उसके बाद देश के सामने बड़ी चुनौतियां हैं।
दूसरी तरफ भारत और बाकी कई देशों का रुख साफ है। वे फिलहाल अपने लोगों को घर लाने के लिए बात कर रहे हैं। तालिबान के सुप्रीम लीडर हैबतुल्ला अखुंदजादा को राजनीतिक और आध्यात्मिक प्रमुख बनाया जाएगा, जो कंधार में रहेंगे। सरकार के रोज़ाना कामकाज के लिए मुल्ला अब्दुल गनी बरादर प्रधानमंत्री हो सकते हैं, जो काबुल में होंगे। हालांकि इस सरकार में हामिद करजई और अब्दुल्ला अब्दुल्ला की हैसियत अभी साफ़ नहीं है।
दरअसल ये ईरान की तर्ज पर बन रही सरकार है जिसमें राजनीतिक प्रमुख पर आध्यात्मिक प्रमुख का नियंत्रण रहेगा। फिलहाल वहां हालात खराब हैं और लोग परेशान। दफ़्तरों और बैंकों के आगे लंबी कतारें हैं। दिलचस्प ये है कि पाकिस्तान एक तरह से अपील कर रहा है कि सब तालिबान को समर्थन दें। वरना वहां गृह युद्ध जैसे हालात बन जाएंगे।
फिलहाल भारत की ही तरह, अभी बाकी देशों की भी प्राथमिकता वहां से अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने की है। अमेरिका ने कहा है कि काबुल हवाई अड्डे के जल्द फिर चलने की उम्मीद है। सूत्रों की मानें तो सरकार में महिलाओं की नुमाइंदगी भी हो सकती है।