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जनता के संघर्ष और नेताओ की विफलता का प्रतीक डोबरा-चांठी पुल

@शब्द दूत ब्यूरो

नई दिल्ली। डोबरा-चांठी पुल बनाओ संघर्ष समिति द्वारा नई दिल्ली के प्रेस क्लब में ‘जन आभार सभा’ का आयोजन किया। सभा मे टिहरी गढ़वाल सांसद श्रीमती माला राज्यलक्ष्मी शाह मुख्य अतिथि के रूप मे सम्मलित हुई। डोबरा चांठी पुल बनाओ संघर्ष समिति द्वारा उनका आभार व्यक्त किया गया। गौरतलब है कि क्षेत्रीय सांसद शाह द्वारा पुल के मुद्दे को कई बार संसद मे उठाया गया था।

डोबरा-चांठी पुल बनाओ संघर्ष समिति के मुख्य संयोजक राजेश्वर प्रसाद पैन्यूली ने कहा कि डोबरा-चांठी पुल जनता के संघर्ष का प्रतीक है। साथ ही पुल निर्माण मे हुई देरी ने सरकारों और नेताओं की कार्यशैली की पोल खोलकर रख दी है।

पैन्यूली नें कहा कि प्रतापनगर क्षेत्र के विकास लडाई अभी खत्म नही हुई है। चूंकि टिहरी बांध बनने के कारण प्रतापनगर क्षेत्र पिछड़ गया है लिहाजा इस संघर्ष को आगे बढ़ाते हुये प्रतापनगर के समुचित विकास हेतू जनता के सहयोग से वह हमेशा संघर्ष करते रहेंगे।

उन्होंने कहा कि जो पुल 90 करोड मे बनकर तैयार होना था उसे बनाने मे 300 करोड रूपये खर्च हो गए। उन्होने कहा कि वह सरकार से मांग करते है कि प्रतापनगर क्षेत्र के लोगो को बिजली और पानी के बिलों मे खास रियायत दी जाए, साथ ही एक विशेष पैकैज की घोषणा प्रतापनगर के विकास के लिए करे।

राजेश्वर प्रसाद पैन्यूली ने कहा कि सरकार इस पुल पर टोल टैक्स लगाया जाना उन्हें मंजूर नहीं। टिहरी बांध बनने से प्रतापनगर की जनता पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ा है, जिसे कम करने के लिये सरकार को जरूरी कदम उठाने चाहिए न कि टोल टैक्स लगाया जाना चाहिए।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुये सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह ने कहा कि डोबरा-चांठी पुल बनाओ संघर्ष समिति द्वारा ही इस मामले को उनके संज्ञान मे लाया था जिसके बाद वह इसके निर्माण को लेकर मुखर रही।

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