कुछ ही दिन पहले बंगाल के अखबारों में प्रधानमंत्री आवास योजना का एक विज्ञापन छपा था। विज्ञापन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक महिला की तस्वीर छपी थी। जिसके साथ लिखा था कि आत्मनिर्भर भारत,आत्मनिर्भर बंगाल और महिला के हवाले से लिखा गया था कि मुझे मिला अपना घर। लेकिन बाद में आए मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जिस महिला की तस्वीर छपी थी उनका नाम लक्ष्मी देवी है और वो एक किराए के मकान में रहती है। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने किसी भी तरह के घर मिलने से साफ इनकार किया है।
मूलत: बिहार के छपरा जिले की रहने वाली लक्ष्मी देवी कोलकाता के बहू बाजार में रहती है। उनका कहना है कि उनके पास ना गांव में जमीन है ना ही बंगाल में अपनी जमीन है। वो यहां पर एक किराए के मकान में रहती है। लक्ष्मी देवी को जब पता चला कि उसकी तस्वीर अखबारों में छपी है तो उसे लगा अखबार वालों ने उसकी तस्वीर को क्यों छापा है? वो कई अखबारों के दफ्तर पहुंच कर इसे लेकर जानकारी लेने लगी। लेकिन बाद में उसे पता चला कि यह विज्ञापन भारत सरकार की तरफ से जारी किया गया है।
लक्ष्मी देवी का कहना है कि उनसे बिना पूछे ही विज्ञापन में फोटो का उपयोग किया गया है। मुझे पता ही नहीं है कि किसने मेरी तस्वीर ली है। एक दिन जब मैं सो कर उठी तो सब कह रहे थे कि आपकी तस्वीर अखबारों में आयी है। मुझे इस विज्ञापन को लेकर कुछ भी पता नहीं है।
विज्ञापन में लिखा गया था कि प्रधानमंत्री आवास योजना में मुझे मिला अपना घर। सर के ऊपर छत मिलने से करीब 24 लाख परिवार हुए आत्मनिर्भर। साथ आइये और एक साथ मिलकर आत्मनिर्भर भारत के सपने को सच करते हैं।
गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले पंजाब में केंद्र सरकार की तरफ से एक विज्ञापन जारी किया गया था। जिसमें बताने का प्रयास किया गया था कि पंजाब के किसान एमएसपी पर की जा रही खरीदारी से खुश है। लेकिन जिस तस्वीर का प्रयोग विज्ञापन में किया गया था वो पंजाब के फिल्म अभिनेता हरप्रीत सिंह की थी जो स्वयं किसान आंदोलन में हिस्सा ले रहे थे।