देहरादून । पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के कुछ सलाहकारों की जांच की तैयारी चल रही है। सूत्रों की मानें तो तो केंद्र से कभी भी इस बारे में खबर आ सकती है।
कहा तो यह भी जा रहा है त्रिवेंद्र के ऑफिसियल सलाहकारों ओएसडी पर मुकदमे दर्ज हो सकते हैं। बताया जाता है कि दिल्ली में एक लॉबी बड़े स्तर पर यह काम कर रही है। तब का सारा रिकॉर्ड खंगाला जा रहा व आज तक के विवादित कामों की सूची तैयार की जा रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के कार्यकाल में उनके सलाहकारों की भूमिका काफी चर्चा में रही थी। खास तौर पर मीडिया सलाहकार पत्रकारों और सरकार के बीच सामंजस्य बनाए रख पाने में सफल नहीं हो पाये। परिणामस्वरूप कई बार पत्रकारों और सरकार के बीच तनातनी रही। यही नहीं तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के सलाहकारों की वजह से केंद्रीय नेतृत्व तक त्रिवेन्द्र सिंह रावत की छवि पर विपरीत प्रभाव पड़ा।
मुख्यमंत्री कार्यालय से एक के बाद एक की रवानगी जारी है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद चल रही छंटनी में अब उनके सलाहकारों की भी छुट्टी कर दी गई है।
विवादित और चर्चित औद्योगिक सलाहकार के.एस. पंवार और मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट को पद मुक्त कर दिया गया। लघु उद्योग सलाहकार विमल कुमार,सलाहकार नवीन बलूनी और नरेंद्र सिंह भी हटाए गए। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के आदेश पर मंत्रीपरिषद के गोपन विभाग की ओर से आदेश जारी किये गये।
देहरादून के राजनीतिक गलियारों इस बात की चर्चा है कि त्रिवेन्द्र सिंह रावत को उनके अपने ही सलाहकारों ने पांच साल लगातार मुख्यमंत्री बने रहने के उनके सपनों को पलीता लगा दिया।