काशीपुर । प्रदेश के नये मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को आप के प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक बाली ने काशीपुर आने की चुनौती दी है। आज यहाँ अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि तीरथ सिंह रावत काशीपुर से चुनाव लड़कर दिखायें।
दीपक बाली ने कहा कि पिछले बीस वर्षों से लगातार जीत रही भाजपा के लिए काशीपुर से अच्छी सीट पूरे प्रदेश में नहीं है। उन्होंने कहा कि काशीपुर में मेयर भी उन्हीं के दल में से है। मुख्यमंत्री के मंत्रिमंडलीय सहयोगी धन सिंह रावत भी कह चुके हैं कि मुख्यमंत्री प्रदेश में कहीं से भी चुनाव लड़कर जीत सकते हैं। ऐसे में काशीपुर के विधायक हरभजन सिंह चीमा से इस्तीफा दिलवाकर यहाँ से भाजपा को अपने मुख्यमंत्री को चुनाव लड़वाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कि गत बीस वर्षों से काशीपुर की जनता को जो विकास का आइना भाजपा ने दिखाया है उसमें सूबे के मुखिया को अपना चेहरा जरुर देखना चाहिए। काशीपुर की जनता और आम आदमी पार्टी उनकी इस इच्छाशक्ति का स्वागत करेगी।
आप नेता दीपक बाली ने बाली ने आश्चर्य जताया कि एक तरफ उत्तराखंड की जागरूक एवं सम्मानित जनता आम आदमी पार्टी के साथ खड़ी है और उसकी नीतियों का समर्थन कर रही है वहीं भाजपा आम आदमी पार्टी के राजनीतिक वजूद को नकारते नहीं थक रही । समझ में नहीं आता कि जो बात उत्तराखंड की जनता समझ चुकी है उसे भारतीय जनता पार्टी क्यों नहीं समझ पा रही ?देवभूमि वासी समझ चुके हैं कि आम आदमी पार्टी के कारण ही भाजपा की सत्ता उथल-पुथल हो गई । काशीपुर विधायक ने यदि इस्तीफा दे दिया तो स्पष्ट हो जाएगा अनुशासित कही जाने वाली भाजपा में अनुशासन और समर्पण दोनों है। यदि वें यहां से चुनाव नहीं लड़ते तो स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री काम की राजनीति के बजाय जातीय और क्षेत्रीय समीकरण तलाश रहे हैं । चूंकि भाजपा ने बीते 4 वर्षों में प्रदेश में और 19 वर्षों से काशीपुर क्षेत्र में कुछ नहीं किया इसलिए मुख्यमंत्री काशीपुर से चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं ।
दीपक बाली ने तंज कसते हुये कहा कि प्लास्टिक सर्जरी करके मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है । भाजपा ने सभी कुछ तो बदल दिया जिससे स्पष्ट है कि खुद को दूसरों से अलग बताने वाली भाजपा के राज में पिछले 4 साल से कुछ भी तो सही नहीं था इसलिए भाजपा वालों क्या-क्या बदलोगे ?उत्तराखंड को भी बदल दो वरना 2022 में जनता भाजपा को ही बदल देगी।