देहरादून । भाकपा माले ने जोशीमठ क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने के चलते हुए दुर्घटना में हताहत हुए मजदूरों और स्थानीय लोगों के प्रति संवेदना प्रकट की है। भाकपा माले के राज्य कमेेेटी सदस्य अतुल सती व गढ़वाल सचिव इन्द्रेश मैखुरी ने इस लापता लोगों को ढूँढने के समुचित प्रयास किए जाने की मांग की है। साथ ही घायलों के इलाज का सम्पूर्ण खर्च राज्य सरकार वहन करने और मृतकों को समुचित मुआवजा राज्य सरकार द्वारा दिये जाने की मांग करते हैं।
भाकपा माले के दोनों नेताओं ने यहाँ जाारी एक बयान में कहा कि ऋषिगंगा परियोजना जिस क्षेत्र में स्थित है,वह चिपको आंदोलन के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध गौरा देवी का गाँव-रैणी है। एक जमाने में जिस क्षेत्र में जंगलों को बचाने के लिए लोग पेड़ों से चिपक गए,बीते कुछ सालों से न केवल इस गाँव के आसपास बल्कि पूरे जोशीमठ क्षेत्र में बड़े पैमाने पर जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए प्रकृति से छेड़छाड़ हुई और विस्फोट भी किए गए।
उन्होंने कहा कि भाकपा(माले) इस क्षेत्र में बड़ी जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए प्रकृति के साथ खिलवाड़ के खिलाफ निरंतर संघर्ष करती रही है। प्रकृति के अंधाधुंध दोहन और खिलवाड़ के नतीजे के तौर पर इस तरह की दुर्घटनाओं एवं त्रासदियों की मार लोगों को झेलनी पड़ती है और उसकी चपेट में अक्सर वे लोग आते हैं, जो इस खिलवाड़ और दोहन के लिए जिम्मेदार नहीं होते हैं।
2013 में उत्तराखंड में आई भीषण आपदा के बाद इस विनाशकारी विकास के मॉडल के बारे में विचार किया जाना चाहिए था। लेकिन इस प्राणघातक, प्रकृति घातक विकास के हिमायती, कोई सबक सीखने के बजाय प्रकृति के दोहन की गति और तेज करने के लिए उतावले हैं। नतीजे के तौर पर इस तरह की भयावह दुर्घटनाएँ होती हैं।
बयान में कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन के मुनाफाखोर विकास के मॉडल पर तत्काल रोक लगे। जो भी परियोजना या निर्माण कार्य हों,वे वैज्ञानिक तौर तरीकों से हों और प्रकृति का अतिक्रमण करके कतई न होंं।