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कर्मयोगी उत्तराखंड :गणतंत्र दिवस पर मिलिये इस बहुआयामी व्यक्तित्व से शब्द दूत की इस विशेष प्रस्तुति में

देहरादून । गणतंत्र दिवस पर राज्य के समेकित विकास और उत्तरोत्तर उन्नति के लिए अपने कर्म में रत एक उत्तराखंडी व्यक्तित्व से शब्द दूत आपका परिचय करा रहा है।

एक समय राज्य के 28 विधायकों के समर्थन से राज्यसभा के लिए नामांकन करने को तैयार उत्तराखंड के इस नेता ने तब भाजपा के एक बड़े नेता के सम्मान में अपने कदम पीछे खींच लिये। उत्तराखंड के लिये समर्पण भाव से काम करने के जज्बे के साथ मनीष वर्मा आज भी अपने लक्ष्य पर डटे हुए हैं।

एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी मनीष वर्मा नेता अभिनेता कलाकार और फिल्म निर्माण के साथ ही समाज सेवक के रूप में जाने जाते हैं। 

पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी जी के कार्यकाल में मनीष वर्मा ने ग्रामीण क्षेत्र में बड़ा अस्पताल स्थापित किया जहाँ 400 डॉक्टर इनके अन्तर्गत कार्य करते थे। राज्य में पांच हजार से अधिक चिकित्सा शिविर लगाकर लाखों रुपये की मुफ्त दवाईयां बांटी। समूचे देहरादून में लगे इन चिकित्सा शिविरों में राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों  एस राजू तत्कालीन मुख्य सचिव एम रामचंद्रन ,कई विधायक, मंत्री यहां तक वर्तमान मुख्यमंत्री तक प्रतिभाग कर चुके है ।

मनीष वर्मा द्वारा 2000 लोगों को रोजगार दिया गया तथा लगभग 2000 सिलाई मशीन गांवों में बांट कर स्वरोजगार के लिए महिला समूहों को दी गई । इसके अलावा समय समय पर मनीष वर्मा गरीब व बेसहारा लोगों को कम्बल , स्कूलों में बच्चों को ड्रेस वितरण करते रहते है।

कोरोना महामारी  में  5000 से अधिक भोजन पैकेट खुद जाकर विभिन्न क्षेत्रों में वितरित किए व आर्थिक मदद भी की । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदर्शों को जन जन तक पहुंचाने का लक्ष्य लेकर मनीष वर्मा प्रदेश  जनता की सेवा में बगैर किसी पद पर रहते हुए करते हैं। 
यही नहीं प्रदेश के हित को  इसके में रखते हुए मनीष वर्मा  अलावा समय समय पर प्रदेश व विकास से संबंधित रणनीति बना कर मुख्यमंत्री को भेजते रहते है
 अपने इन कामों के दौरान कई राजनीतिक चुनौतियां उनके समक्ष आई लेकिन उन्होंने बखूबी मुकाबला किया और लगभग हर जगह जीत दर्ज की । उनका मानना है यदि आप सही है तो कोई आपका कुछ बिगाड़ नहीं सकता । खास बात तो यह है कि आज तक पाक और साफ छवि के श्री वर्मा पर आज तक कोई आरोप साबित नहीं है ।

समाज सेवा और राजनीतिक गतिविधियों के साथ ही राज्य की कला और सांस्कृतिक विरासत को बनाये रखने में भी मनीष वर्मा का योगदान है। सोशल मीडिया, प्रोडक्शन ,न्यूज चैनल आर्थिक उपब्धियों को लाना,बड़ी बड़ी इंडस्ट्री प्रदेश में लाकर रोजगार विकसित करना मनीष जी में कुट कूट कर भरा है । प्रदेश में पहले सेटेलाइट न्यूज चैनल वॉयस आफ नेशन की स्थापना का श्रेय भी मनीष वर्मा को है जिसमें उन्होंने कई रोजगार के साधन सृजित किए। साथ ही उत्तराखंड की जनता को पहली बार मल्टीप्लेक्स के दर्शन गढ़वाली फिल्म अंज्वाल के माध्यम से मनीष वर्मा ने करवाए। पहली बार मोबाइल से गढ़वाली टिकट बुक करवाने का श्रेय भी मनीष वर्मा को जाता है । स्व o एन डी तिवारी जी के साथ एफ आर आई में रोज दिन का भोजन अपने घर से लेकर जाते थे और उन दिनों तिवारी जी से ब्यूरोक्रैट विश्लेषण व राज्य के बजट को बनाने की शिक्षा ग्रहण की ।
 मनीष वर्मा ने देहरादून विधान सभा 2 बार ,मसूरी विधान सभा 2 बार टिहरी लोक सभा 1 बार ,हरिद्वार लोकसभा 1 बार चुनाव लडा है और उनका मानना है कि आप जितना जनता के बीच में जाएंगे उतना ही आप समस्या और विकास करने के बारे जान पाएंगे

वर्ष 2009 में 28 विधायकों के समर्थन से राज्यसभा का निर्दलीय नामांकन दाखिल करने वाले वर्मा ने अंत समय में भगत सिंह कोश्यारी के निवेदन पर भगत दा को सम्मान व आदर देते हुए वॉक ओवर दे दिया था। 

आज कल मनीष वर्मा प्रदेश में एक सीमा तक बिजली,पानी निशुल्क किए जाने पर शोध कर रहे है और उसकी प्रतिपूर्ति राज्य सरकार को कैसे होगी इस पर कार्य कर रहे है ।

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