@शशांक राणा
चमोली। आखिरकार डबल इंजन की सरकार से मायूस उत्तराखंड की जनता को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने खून से पत्र लिखना पड़ा। नंदप्रयाग-घाट सडक डेढ लाइन की मांग के लिए पिछले कई महीनों से यहाँ के हजारों वासी कड़ाके की ठंड में रैलियां और अनशन पर बैठे हुए हैं।
इन लोगों की मांग पर जब राज्य सरकार की आंखें नहीं खुली तो विवश होकर आंदोलनकारियों ने खून से प्रधान मंत्री को पत्र लिखा। गत 46 दिनों से नन्दप्रयाग घाट सडक डेढ लाइन की मांग को लेकर विकास खण्ड घाट में लगातार आंदोलन और भूख हडताल जारी है।
आंदोलनकारियों की मांग को लेकर स्थानीय विधायक मुन्नी देवी शाह मुख्य मंत्री त्रिवेंद्र रावत ओर लोक निमार्ण विभाग के उच्च अधिकारियों से भी वार्ता कर चुकी हैं। लेकिन आंदोलनकारियों की एक सूत्रीय मांग डेढ लाइन की है। और जब इन आंदोलन कारियों ने की सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने अपने खून से प्रधानमंत्री को नन्दप्रयाग घाट सडक डेढ लाइन चौडीकरण की मांग का पत्र लिखा। व्यापार संग अध्यक्ष चरण सिंह ने बताया कि जन हित की मांग को लेकर टैक्सी यूनियन और व्यापार संगठन के आवाह्न पर क्षेत्र के तमाम जनप्रतिनिधि भी इस आंदोलन में स्वतः ही जुड़ते रहे। इस मामले में सरकार से तीन बार की वार्ता भी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब सरकार नन्दप्रयाग घाट सडक मार्ग को 9 मीटर चौडा करने आदेश जारी नहीं करती है।