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उत्तराखंड :अपने कार्यकाल में पहली बार सीएम रावत को मांगनी पड़ी माफी, प्रदेश अध्यक्ष की टिप्पणी पर हुये दुखी, विपक्ष में भारी आक्रोश

@शब्द दूत ब्यूरो

देहरादून । आदरणीय इंदिरा हृदयेश बहन जी, आज मैं अति दुखी हूं। महिलाएं हमारे लिए अति सम्मानित व पूज्या हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से आपसे व उन सभी से क्षमा चाहता हूं जो मेरी तरह दुखी हैं। मैं कल आपसे व्यक्तिगत बात करूंगा और पुन: क्षमा याचना करूंगा।  मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को अपने अब तक के कार्यकाल में पहली बार कांग्रेस नेत्री और तमाम अन्य लोगों से माफी मांगनी पड़ी। और यह सब उनकी  पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की एक टिप्पणी के चलते हुआ।

सीएम का ट्वीट

दरअसल बीते रोज भीमताल में कार्यकर्ताओं की बैठक में बंशीधर भगत ने कहा था “हमारी नेता प्रतिपक्ष कह रही हैं कि बीजेपी के बहुत से विधायक मेरे संपर्क में हैं. अरे बुढ़िया, तुझसे क्यों संपर्क करेंगे, तुझसे संपर्क करेंगे? क्या डूबते जहाज से संपर्क करेंगे?”वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत का कहना है कि नेता प्रतिपक्ष काफी दिनों से शोर मचा रही हैं कि कुछ विधायक मेरे संपर्क में हैं। मुझे शीर्ष स्तर से पता चला है कि वह कह रही हैं टिकट दो, हम भी पार्टी में आ जाएंगे। वैसे मैंने उनके लिए किसी तरह की गलत टिप्पणी नहीं की।

उधर इंदिरा ह्रदयेश ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देेते हुए कहा कि  मुझे यह जानकारी मिली है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने मेरे लिए अमर्यादित और अशिष्ट भाषा का प्रयोग किया है। इससे मुझे बहुत दुख और कष्ट हुआ है। किसी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष पूरी पार्टी का प्रतीक होता है और प्रतिनिधित्व करता है। प्रदेश अध्यक्ष अगर इस तरह की भाषा का प्रयोग करे तो यह उत्तराखंड नहीं पूरे देश में माताओं और बहनों का अपमान है। भारतीय संस्कृति का दावा करने वाले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने जिस तरह से नारी शक्ति का अपमान किया है उसे देश, पहाड़ और उत्तराखंड की नारी बर्दाश्त नहीं करेगी।

उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर मांग की है कि प्रदेश की सरकार, प्रधानमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को इसका संज्ञान लेना चाहिए और भगत से स्पष्टीकरण मांगना चाहिए। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की बात करते हो तो अपनी भाषा सुधारो। भाषा जिनकी अशिष्ट होगी, नारियां उनके पास जाने से परहेज करेंगी। घर और बाहर की नारियां नाराज रहेंगी। इस तरह की भद्दी भाषा बोलने की अपेक्षा भाजपा नेतृत्व से नहीं करती हूं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मेरी मांग है कि इसे गंभीरता से लें और इसके लिए भगत से माफी मांगने को कहें।

बहरहाल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत के बयान पर माफी मांगने का यह मामला हाईकमान तक जा पहुंचा है। आमतौर पर पार्टी अपने नेता के बयान का बीच बचाव करते हैं लेकिन यहाँ मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने तुरंत माफी मांगकर पार्टी और सरकार की फजीहत होने से बचा तो ली है लेकिन यह तय है कि बयान को लेकर विपक्ष हमलावर हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री और अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव हरीश रावत ने भी इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। वहीं सूर्यकांत धस्माना ने भी बंशीधर भगत के इस बयान को नारी शक्ति का अपमान बताया। प्रदेश भर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की डा इंदिरा ह्रदयेश के विरूद्ध की गई टिप्पणी पर आक्रोश व्याप्त है। 

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