कोरोना संक्रमण से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह जीना की असामयिक मृत्यु के बाद खाली हुई सल्ट विधानसभा सीट के टिकट को लेकर कांग्रेस के भीतर तलवारें खिंच गई हैं। प्रस्तावित उपचुनाव की टिकट पाने को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और एक समय तक उनके बेहद रहे कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष रणजीत रावत गुट आमने-सामने खड़े नजर आ रहे हैं।
बता दें कि सल्ट के विधायक सुरेन्द्र सिंह जीना की मृत्यु के बाद खाली हुई इस सीट के लिए निर्वाचन आयोग ने कवायद शुरू कर दी है। उधर, भाजपा के टिकट पर दिवंगत विधायक के बड़े भाई महेश जीना के चुनाव लड़ने की इच्छा जताने के बाद सियासत और गरमा गई है। इन सबके बीच कांग्रेस के नेता भी चुनाव लड़ने की तैयारी में जुट गए हैं। जिसके बाद से हरीश रावत और रणजीत रावत गुट बंटे दिखाई दे रहे हैं।
गौरतलब है कि पूर्व विधायक और कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष रणजीत रावत सल्ट के ही रहने वाले हैं। जबकि, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पैतृक गांव से भी सल्ट की विधानसभा लगती है। रणजीत अपने बेटे और वर्तमान में ब्लाक प्रमुख सल्ट विक्रम रावत उपचुनाव लड़ने के लिए प्रदेश के नेताओं के समक्ष पहले ही दावेदारी जता चुके हैं।
वहीं, इससे पहले चुनाव हार चुकीं कांग्रेस प्रत्याशी स्याल्दे निवासी गंगा पंचोली पूर्व सीएम हरीश रावत की करीबी बताई जा रही हैं। गंगा ने भी प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष चुनाव लड़ने के लिए अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर दी है।
सल्ट उप चुनाव की सुगबुगाहट के बाद कांग्रेस में दावेदारों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी सल्ट के अध्यक्ष शंभू सिंह भी इस सीट से चुनाव लड़ने को प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष अपनी दावेदारी कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि कांग्रेस के क्षेत्र के अन्य नेताओं ने भी चुनाव लड़ने को लेकर इच्छा जताई है। हालांकि कुछ नेताओं का कहना है कि अपने प्रत्याशी को टिकट मिलने को लेकर दबाव बनाने के लिए भी कुछ लोग संगठन पर दबाव बनाने की सियासत कर रहे हैं। अब देखना महत्वपूर्ण है कि कांग्रेस किस पर दांव लगाएगी।