देहरादून। कोरोना काल में आगामी त्योहारों को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड में रामलीला, दुर्गापूजा, नवरात्र, दशहरा, ईद, क्रिसमस आदि के आयोजनों को प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है। शासन ने इसकी एसओपी भी जारी कर दी है। 200 लोगों के इकट्ठा हो सकने की सीमा को जारी रखा गया है। लेकिन आयोजकों को मास्क, थर्मल स्कैनिंग और दो गज की दूरी आदि नियमों का सख्ती से पालन कराना होगा।
सरकार द्वारा जारी एसओपी के अनुसार कंटेनमेंट जोन में जुलूस, धार्मिक सभा, समारोह को अनुमति नहीं होगी। ईवेंट मैनेजरों, स्टाफ, गंभीर बीमारी से ग्रसित 65 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति, गर्भवती महिला, 10 साल से कम उम्र के बच्चों को घर में ही रहने की सलाह दी गई है।
अधिक भीड़ वाले पर्व, त्योहार, खास धार्मिक पर्व आदि के लिए सामाजिक दूरी के नियम को ध्यान में रखते हुए भीड़ प्रबंधन करना होगा। सामाजिक दूरी का पालन करते हुए लंबी रैलियों के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था करनी होगी।
अधिक दिन तक चलने वाले कार्यक्रम जैसे रामलीला, पूजा अनुष्ठान, मेले, प्रदर्शनियों आदि में भी सामाजिक दूरी के नियम का पालन करना होगा। सशर्त और सीमित प्रवेश पर विचार किया जा सकता है। आयोजकों को थर्मल स्कैनिंग, सेनिटाइजेशन आदि नियमों का पालन कराने के लिए स्वयं सेवक तैनात करने होंगे।
नाटक के मंचन के लिए सिनेमा और थियेटर के लिए जारी गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। किसी भी कार्यक्रम, सामाजिक समारोह के लिए पहले स्थान चिह्नित किया जाएगा।
एसओपी में सुझाव दिया गया है कि सामाजिक दूरी, मास्क आदि के नियम का पालन कराने के लिए क्लोज सर्किट कैमरों से निगरानी की व्यवस्था की जा सकती है। रैलियों, धार्मिक जुलूसों के लिए पहले से ही रूट प्लान, शामिल होने वाले लोगों की संख्या, प्रतिमा विसर्जन आदि की साइट आदि तय करनी होगी।
रामलीला, दुर्गा पूजा, दशहरा सहित अन्य आयोजनों के लिए कोरोना को देखते हुए पहले से ही तैयारी करनी होगी। आयोजकों को सारे संबंधित पक्षों से बात कर विस्तृत योजना बनानी होगी।