काशीपुर। संजीवनी हॉस्पिटल के प्रबंधक मुकेश चावला के अथक प्रयासों की बदौलत नई दिल्ली एम्स के सुप्रसिद्ध ऑर्थो सर्जन डॉ राजे अमृत दिवाकर ने यहां हड्डी और जोड़ रोगियों का उपचार शुरू कर दिया है। वहीं डॉ राजे ने हॉस्पिटल में तैनाती के बाद खराब कूल्हे और घुटनों से पीड़ित 3 कूल्हे, 2 घुटनों के मरीजों का सफल प्रत्यारोपण और कई रोगियों की हाथ और पैर की टूटी हड्डियों को ऑपरेशन के जरिये जोड़ कर अपनी काबलियत साबित कर दी।
मुरादाबाद रोड स्थित संजीवनी मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के प्रबंधक मुकेश चावला ने बताया कि पिछले कई वर्षों के दौरान क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं में काफी सुधार हुआ है। दर्जनों अस्पतालों ने अपनी सेवाएं शुरू कर मरीजों को काफी राहत दी है। बावजूद इसके अभी भी अति गंभीर रोगियों का बड़े शहरों के अस्पतालों की ओर जाना बंद नही हुआ है। कहा कि यदि बड़े शहरों के मल्टी स्पेशलिटी अस्पतालों के विशेषज्ञ डॉक्टर यहां सेवा देना शुरू कर दे तो क्षेत्र के अति गंभीर रोगियों को काशीपुर में ही उच्चस्तरीय उपचार मिल सकता है।
अन्य प्रबंधक राज गुम्बर ने कहा कि क्षेत्र के अति गंभीर रोगियों के अलावा घुटने और कूल्हे बदलवाने को अक्सर मरीजो को बड़े शहरों का रुख करना पड़ता था। क्षेत्र में कुशल और विशेषज्ञ आर्थो सर्जन की बेहद जरूरत थी। जिसके लिए वह पिछले काफी समय से प्रयासरत थे।आखिरकार दिल्ली एम्स के सुप्रसिद्ध डॉ राजे अमृत दिवाकर के यहां आने पर उनका प्रयास पूरा हुआ।
उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य धन अर्जित करना नही बल्कि क्षेत्र के मरीजों को कम खर्च में विश्वस्तरीय उपचार उपलब्ध करवाना है। बड़े शहरों से अन्य विशेषज्ञ डॉक्टरों को यहां उपलब्ध करवाने का उनका प्रयास जारी रहेगा। जिससे कि क्षेत्रवासियों को उपचार के लिए बड़े शहरों का रुख न करना पड़े। जिससे समय और धन की बचत के साथ ही मरीज के परिजनों को मानसिक तनाव से मुक्ति मिलेगी। वहीं आर्थो सर्जन एवं ऑर्थोप्लास्टि , ऑर्थोस्कोपी में विदेश से फेलोशिप प्राप्त डॉ राजे अमृत दिवाकर ने कहा कि डॉक्टरी करने के बाद सीधे छोटे शहर में कोई सर्जरी या उपचार शुरू करने पर लोग उस डॉक्टर पर पूरा भरोसा नही कर पाते। जबकि वही डॉक्टर अगर किसी बड़े शहर के किसी हॉस्पिटल में तैनात हो उस पर आसानी से भरोसा कर लेते है। इसलिए उनके द्वारा कुछ वर्ष एम्स में अपनी सेवाएं दी गईं। ताकि इस क्षेत्र के मरीज उन पर पूरा भरोसा कर सके।
डॉ राजे अमृत ने कहा कि उनके द्वारा हड्डी एवं जोड़ रोगियों का काशीपुर में ही उच्च स्तरीय उपचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि टीबी, चोट या दुर्घटना, लंबे समय तक दवाइयों का सेवन और शरीर मे खून का सही संचार न होने से कूल्हे, घुटनों के बदलाव की आवश्यकता पड़ती है। जिसमे मरीज 3 दिन के बाद वाकर के सहारे चल फिर सकता है,और एक महीने बाद पूरी तरह स्वस्थ हो कर अपने सभी कार्य कर सकता है।
संजीवनी हॉस्पिटल में उनके आने के बाद उनके द्वारा क्षेत्र से आये पांच मरीजों के बड़े प्रत्यारोपण किये गए जिनमे 3 कूल्हे, 2 घुटनों का सफल प्रत्यारोपण किया गया। इसके अलावा कई रोगियों की हाथ और पैर की टूटी हड्डियों को ऑपरेशन कर जोड़ा गया। संजीवनी हॉस्पिटल में नई दिल्ली एम्स से आये आर्थो सर्जन डॉ राजे अमृत की खबर से क्षेत्रवासियों में हर्ष का माहौल है।