काशीपुर । कांग्रेस से आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट की आस लगाये एक नेताजी अपनी दाल न गलती देखकर दूसरे दलों के सम्पर्क में हैं। बताया जाता है कि उनकी नजर आम आदमी पार्टी पर थी और वह इस दल में आने के लिए अपने विश्वसनीय लोगों से आप के नेताओं से सम्पर्क साधने की कोशिश में लगे थे लेकिन वहाँ भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी। आप के नेताओं ने इन्हें ज्यादा भाव ही नहीं दिया।
दरअसल इन नेताजी को चुनाव लड़ने का शौक चर्राया है। नेताजी के करीबी सूत्रों का कहना है कि चुनाव में बेतहाशा खर्च करने को तैयार यह नेताजी वोट खरीदने की रणनीति पर चल रहे हैं। पहले किसी अन्य दल में पैठ करने के बावजूद नेताजी की दाल जब नहीं गली तो उन्होंने कांग्रेस के उच्च नेताओं से सम्पर्क साधकर खुद को कांग्रेसी कहलवा लिया और गाहे बगाहे कांग्रेस के कार्यक्रमों में चेहरा दिखाकर खुद को वरिष्ठ कांग्रेसी की पंक्ति में खड़ा करने की कोशिश भी की लेकिन कांग्रेस में लंबे समय तक पार्टी और संगठन में काम करने वाले को तरजीह दी जाती है। ऐसा इन नेताजी को आभास हो गया है।
नगर के यह नेताजी जनाधार के बजाय बड़े नेताओं के साथ फोटो खिंचवाने को ही पार्टी की सेवा समझते हैं। ऐसे में पार्टी के स्थानीय नेता व जनता भी इन नेताजी को भली भांति पहचान चुकी है। बताते हैं कि एक बार तो इन नेताजी को कांग्रेस के स्थानीय नेता दो टूक जबाव भी दे चुके हैं।
बहरहाल अब इन नेताजी की समझ में आ चुका है कि कांग्रेस से टिकट मिलना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। हालांकि कुछ लोगों ने इन्हें निर्दलीय चुनाव लड़ने की सलाह दे डाली है। पर नेताजी को पार्टी का सिम्बल चाहिए। कारण खुद की पहचान से ज्यादा इन्हें पार्टी के सिम्बल का सहारा लेना ज्यादा फायदे का सौदा लग रहा है।