देहरादून । उत्तराखंड के भाजपा विधायक महेश नेगी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला का पुलिस सुरक्षा में मेडिकल कराया गया। पीड़िता ने डीएनए टेस्ट कराने के साथ पूरे मामले की सीबीआई से जांच करवाने की मांग की है।
पीड़ित ने गृह सचिव को पत्र लिखकर देहरादून पुलिस की जांच पर संदेह जताया है। तो वहीं, डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने सीओ अनुज कुमार को उस पुलिस कांस्टेबल के बयान फिर से दर्ज करने के निर्देश दिए, जिसका पिछले हफ्ते एक ऑडियो वायरल हुआ था। जिसमें वो कह रहा था कि विधायक और उनके परिचितों ने उससे जबरन महिला के खिलाफ बयान दर्ज कराए थे। बताते चलें कि भाजपा विधायक महेश नेगी व उनकी पत्नी ने पीड़िता के आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
पिछले दिनों भाजपा विधायक महेश नेगी पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली युवती और पुलिस कांस्टेबल के की बातचीत का कथित ऑडियो वायरल हो गया था। इसमें पुलिस कांस्टेबल ने दबाव में पीड़िता के ख़िलाफ़ बयान देने की बात कही थी।
वायरल ऑडियो में कॉन्स्टेबल पीड़िता को बता रहा है कि उसे जबरन हरिद्वार पुलिस लाइन से तमंचे के बल पर देहरादून के एमएलए होस्टल लाया गया और मारपीट की गई। फिर दबाव में उसके बयान दर्ज करवाए गए। मामले के सुर्खियों में आने के बाद एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने फिर उस कांस्टेबल के बयान दर्ज करवाने के आदेश दिए।
पुलिस सूत्रों के अनुसार विधायक महेश नेगी की पत्नी ने ब्लैकमेलिंग की जो तहरीर दी है उसमें कांस्टेबल को गवाह के रूप में पेश किया गया था। कांस्टेबल ने 5 सितम्बर को देहरादून में अपने बयान भी दर्ज कराये थे।