@शब्द दूत ब्यूरो
नई दिल्ली। देश में जारी कोरोना संकट के बीच आईसीएमआर (ICMR) की तरफ से करवाए गए पहले नेशनल सीरो सर्वे के नतीजे सामने आ गए हैं। मई की शुरुआत तक 0.73% वयस्क यानी 64 लाख (64,68,388) लोगों के कोरोना वायरस के संपर्क में आने के अनुमान लगाए गए हैं। सर्वे के अनुसार हर एक आरटी-पीसीआर (RT-PCR) टेस्ट से एक कन्फर्म पॉजिटिव मामला सामने आ रहा था तो उस समय 82-130 इन्फेक्शन के मामले थे। यह सर्वे उस समय के संक्रमण की स्थिति बताता है जब देश में लॉकडाउन था।
सीरो सर्वे बताता है कि जिन जिलों में एक भी कोरोना मामला सामने नहीं आए थे, उन जिलों में भी सीरो सर्वे में संक्रमण की बात सामने आयी है। सर्वे रिपोर्ट कहती है कि जिन जिलों में कोई केस नहीं थे या कम केस थे वहां पर मामले इसलिए भी कम सामने आ रहे होंगे क्योंकि टेस्टिंग कम थी। या फिर टेस्टिंग लैबोरेट्री तक पहुंच आसान नहीं थी। ऐसी जगहों पर जिन मामलों पर शक है उनकी सर्विलेंस मजबूत की जाए और टेस्टिंग बढ़ाई जाए।
कुल संक्रमित में से 18.7% ऐसे थे जिनका काम ऐसा था कि इस बात का ज़्यादा जोखिम था कि वो संभावित संक्रमितों के संपर्क में आएं होंगे। ज़्यादातर जिलों में संक्रमण कम था (मई की शुरुआत में) जिससे पता चलता है कि भारत इस महामारी के शुरुआती फेज में था और ज़्यादातर आबादी को संक्रमण का खतरा था। इसलिए जरूरी है कि कंटेनमेंट पर काम जारी रखा जाए। सर्वे में यह भी कहा गया है कि नेशनल और लोकल स्तर पर ऐसे और सर्वे कराए जाएं जिससे कि स्थिति का बेहतर आकलन हो सके और उसी हिसाब से जन स्वास्थ्य के लिए कंटेनमेंट स्ट्रेटजी बनाई जाएं।
सीरो सर्वे 11 मई से 4 जून के बीच कराया गया था। इस सर्वे में 18 साल से ऊपर के वयस्क लोगों का सैंपल लिया गया था। सर्वे का सैंपल साइज 28,000 था। जबकि देश के 21 राज्यों के 70 जिलों के 700 गांव/वार्ड में इस सर्वे को किया गया था। जिनमे से 181 यानी 25.9% शहरी इलाके थे। यह सर्वे 4 स्तर पर किया गया था जिलों को कोरोना मामलों के आधार पर 4 श्रेणी में बांटा गया था।