@शब्द दूत ब्यूरो
काशीपुर । बीती 10 अगस्त को सयुंक्त मजिस्ट्रेट गौरव सिंघल द्वारा डिजाइन सेंटर के पास पकड़े सरकारी राशन के चावल के कट्टों के मामले में बड़ा फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। बाकायदा पकड़े गए चावल के कट्टों के साथ एक बिल भी बनाया गया था। बिल अलीगंज रोड स्थित कैप्टन सीड्स के नाम से काटा गया था। मौके पर पकड़ में आये वाहन संख्या यू के 18 सी ए-0071 के चालक गुलफाम निवासी सरवरखेडा ने बताया था कि चावल जुनैद पुत्र अरशद ने मदर कालोनी मंझरा स्थित गोदाम से यह चावल भरवाया था।
गुलफाम ने जांच के दौरान अपने लिखित बयान में बताया कि चावल अलीगंज रोड स्थित कैप्टन सीड्स पहुंचाना था। सरकारी चावल की कालाबाजारी के लिए कैप्टन सीड्स का नाम महज घसीटा गया था। कैप्टन सीड्स की ओर से जांच के दौरान की गई पूछताछ में इसे गलत बताया गया। कैप्टन सीड्स ने संयुक्त मजिस्ट्रेट गौरव सिंघल को दिये अपने लिखित पत्र में इस बात से साफ इंकार कर दिया गया और कहा कि मै एस के ट्रेडर्स मौ बांसफोड़ान की ओर से कैप्टन सीड्स को जारी बिल संख्या फर्जी है। उनकी फर्म को बदनाम करने की नीयत से यह जारी किया गया है।
बताया जाता है कि इस मामले में में जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि सरकारी खाद्यान्न की कालाबाजारी अधिनियम के प्रावधानों के विरूद्ध यह आपराधिक श्रेणी में आता है।
जानकारी के मुताबिक जिला पूर्ति अधिकारी से इस मामले जुनैद पुत्र अरशद तथा मौके पर पकड़ में आये वाहन चालक गुलफाम के विरूद्ध धारा 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए जिलाधिकारी ऊधमसिंहनगर से अनुमति मांगी गई है।