काशीपुर । नगर के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री भीमशंकर (मोटेश्वर)महादेव परिसर प्रबंधक राघवेंद्र नागर ने COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों के प्रवेश से पूर्व निर्देश जारी किए हैं।
श्री नागर ने कहा कि मंदिर के प्रबंधकों/पुजारियों के अनुरोध को मानते हुए सम्मान करें।
मंदिर के अंदर बुजुर्गों/गर्भवती महिलाओं,कामोरविडायटीज वाले व्यक्तियों ,10वर्ष से कम आयु के बच्चों को मंदिर में प्रवेश वर्जित है। उन्होंने कहा कि व्यक्तियों को लाइन में आगे खड़े व्यक्ति से 6 फीट की दूरी बनाए रखना आवश्यक है । सभी श्रद्धालुओं के लिए फेस कवर कपड़े से / मास्क का उपयोग अनिवार्य है। साबुन से अल्कोहल आधारित हैंड सेनीटाइजर( कम से कम 20 सेकंड के लिए )उपयोग जहां भी संभव हो करें अपना सैनिटाइजर भी रख सकते हैं।
श्वसन शिष्टाचार का पालन करें मुंह/ नाक /को सख्ती से ढके खांसते/ छींकते हुए टिशू पेपर /रूमाल/कोहनीको मोड़कर प्रयोग करें,प्रयोग किये गए रूमाल,टिशू पेपर को निर्धारित स्थान पर डस्टबिन में डालें। अपने का स्वयं ध्यान रखें बीमार होने पर जिला /राज्य हेल्पलाइन को जल्द से जल्द सूचना दें। सार्वजनिक रूप से थूकना निषेध है /आवश्यकता पर मिट्टी या चूना डालें।
श्री नागर ने कहा कि आरोग्य ऐप की स्थापना और उसका उपयोग करें। प्रवेश द्वार पर हाथ स्वच्छता/थर्मल स्क्रीनिंग के बिना प्रवेश वर्जित है। मंदिर परिसर में स्वच्छता आदेश पालन करने वाले व्यक्ति को ही प्रवेश की अनुमति होगी।
प्रबंधकों /पुजारियों के चौका देने वाले व्यवहार से स्तब्ध नाराज ना हो यह कोविड-19 को हराने के लिए आवश्यक क्रिया है। दर्शनार्थी अपने जूते चप्पल पर्स आदि चमड़े का सामान अपने वाहन में या बाहर छोड़कर आए सामान की कोई जिम्मेदारी मंदिर प्रबंध की नहीं होगी। मंदिर के बाहर की दुकान ठेला स्टाल वाले से सोशल डिस्टेंस के मानदंडों का पालन करें अन्यथा उनसे दूरी बनाए रखें।
विशिष्ट चिन्हों पर ही सोशल डिस्टेंडिंग के साथ लाइन बना खड़े होंगे। दर्शनार्थी निश्चित प्रवेश एवं निकास द्वार का प्रयोग करेंगे। मंदिर परिसर में प्रवेश करने से पूर्व साबुन या पानी से हाथ धोना आवश्यक है।मंदिर के गर्भ गृह में बैठना पूर्णत: वर्जित है। मंदिर परिसर के बाहर बैठने हेतु पर्याप्त सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना अति आवश्यक है एवं स्वयं के द्वारा 2* 2 का आसन लाकर कम से कम समय तक बैठे। मूर्तियों/ घंटों /दीवारों आदि को छूना बिल्कुल वर्जित है ना उनको छेड़े। बड़े समारोह/मण्डली बनाकर पूजा/आरती करना वर्ज्य है।रुद्राभिषेक/भोजन भंडारा आदि के लिए मंदिर पुजारी से मिलकर वार्ता कर सकते हैं।
मंदिर परिसर में प्रसाद वितरण जल से आरती ठंडी कर जल श्रद्धालुओं पर फेंकना वर्ज्य है। मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार की अस्वच्छता फैलाना प्रयोग किए गए समान को उचित स्थान पर डस्टबिन में ना फेंका जाना अपराध हो सकता है। कोविड-19 की रोकथाम के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा निर्धारित निर्देशों का मंदिर मे आये दर्शनार्थी पूर्ण परिपालन करें।