काशीपुर । फर्जी ई वे बिल बनाकर 529 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का मामले में 34 फर्मों के विरूद्ध यहाँ कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है। राज्य कर विभाग के डिप्टी कमिश्नर आर एल वर्मा ने यह मामला दर्ज कराया है।
यह सभी फर्में काशीपुर, जसपुर तथा हल्द्वानी की हैं। इस फर्जीवाड़े में खास बात यह है कि जिन फर्मों को दिखाया गया मौके पर जांच करने पर पहुंची एसटीएफ व्यापार कर की टीम यह देखकर हैरान रह गयी कि जिन भवनों में ये फर्में थी वहाँ उनका अस्तित्व ही नहीं था। यही नहीं रेंट एग्रीमेंट जिस भवन स्वामी के नाम पर किया गया था। उन्होंने रेंट एग्रीमेंट पर अपने हस्ताक्षर को फर्जी बताया।
इस गोरखधंधे की जांच के दौरान जांच टीम को पता चला कि इन सभी 34 फर्मों के स्वामियों ने फर्जी कागजात बनवाकर यह कर चोरी की है। इन 34 में से 17 फर्में हल्द्वानी क्षेत्र तथा काशीपुर क्षेत्र की 10 व रुद्रपुर की 3 तथा 4 फर्में देहरादून क्षेत्र में पंजीकृत हैं।
जांच में पता चला कि इन सभी 34 फर्मों ने फर्जी कागजात के जरिए बिना कोई माल सप्लाई के ई वे बिल बनाकर 529 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान किया। हालांकि इनमें 8 फर्मों ने अक्टूबर 2019 का रिटर्न जीएसटी पोर्टल पर दाखिल किया है जबकि अन्य फर्मों ने जीएसटी रिटर्न ही दाखिल नहीं किया।
बहरहाल प्रदेश में जीएसटी चोरी का यह मामला आने के बाद हड़कंप मच गया है। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच आरम्भ कर दी है।