काशीपुर । नगर में समाज सेवा के जरिये वरिष्ठ राजनेता बनने से कहीं ज्यादा आसान है, बड़े नेताओं के पिछलग्गू बनकर उनकी जीहूजूरी करके पद पाना। जनाधार वाले नेता न होना किसी भी दल के लिये नुकसानदायक होता है।
यह भी अपने आप में काफी मुश्किल है कि जनाधार वाले नेता की पहचान क्या है? जो लोगों से जुड़ा हो। राजनीति में आम लोगों से जुड़ा रहने वाला नेता ही पार्टी के लिए उपयोगी होता है। यह बात न तो शीर्ष नेताओं की समझ में आती है और न स्थानीय नेताओं की।
कांग्रेस से जुड़ा एक नाम आशीष अरोरा बॉबी इसका अपवाद है। वह लोगों के बीच रहकर अपना जनाधार तो बढ़ा रहे हैं साथ ही जनसेवा को अपना प्रमुख कार्य बनाये हुए हैं। वह कहते हैं कि समाज सेवा के लिये राजनीति जरूरी नहीं। हालांकि वह कांग्रेस के नेता हैं और उनकी निष्ठा कांग्रेस में है। लेकिन कोरोना महामारी के दौरान आशीष अरोरा बॉबी ने अपने खुद के संसाधनों से हजारों लोगों को राशन व भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। वह कहते हैं कि राजनीति और समाज सेवा अलग अलग हैं। समाज सेवा उनका नैतिक धर्म है।