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प्रसंगवश :लॉकडाउन में हलवाईयों की संख्या में भारी वृद्धि

काशीपुर । कोरोना महामारी से जूझ रहे देश में अब हलवाईयों की बाढ़ आ गई है। जी हाँ, मिठाइयों की दुकानें भले ही बंद हो लेकिन हलवाईयों की दुकानों में बनने वाली मिठाईयां और समोसे बेइंतहा बन रहे हैं। अब आप कहेंगे कि जब हलवाईयों की दुकानें बंद हैं तो यह मिष्ठान्न बना कौन रहा है। इसका जबाब यह है कि जो ग्राहक हलवाईयों की दुकान पर खरीदार बन कर खड़े रहते थे वही अब इन मिठाईयों को बना रहे हैं।

लॉकडाउन के दौरान घरों में रहकर लोग अपनी पाक कला के कौशल को आजमा रहे हैं। जलेबियां समोसे यहाँ तक कि पिज्जा मोमोज बनाकर सोशल मीडिया पर उसके फोटो अपलोड कर रहे हैं। गुड़गांव में रह रही गायत्री भट्ट कहती हैं कि लॉकडाउन के समय का इससे बढ़िया सदुपयोग और नहीं हो सकता। नयी-नयी मिठाईयां बनाकर आप अपनी पाक कला का परीक्षण भी कर सकते हैं और कोरोना से बचकर साफ और शुद्ध मिठाई का स्वाद ले सकते हैं।

दिनेशपुर ऊधमसिंहनगर निवासी सुशीला डालाकोटी इन दिनों जलेबी और समोसों पर अपनी पाक कला पर हाथ आजमा रही है। सुशीला कहती हैं कि लॉकडाउन में उन्हें पता चला कि वह खुद भी जलेबियां बना सकती है। उनकी बनाई हुई जलेबियों को परिवार के लोग काफी पसंद कर रहे हैं।

जसपुर खुर्द निवासी आशा पुरोहित एक शिक्षिका हैं। वह कहती हैं कि स्कूल जाने के दौरान उन्हें इतना समय नहीं मिलता था कि वह परिवार के लोगों को स्वादिष्ट व्यंजन बनाकर खिलायें। लेकिन इन दिनों जब पूरा परिवार साथ है तो वह क्यों न इस अवसर का लाभ उठायें। इसलिए उन्होंने भी नये नये व्यंजन बनाकर लॉकडाउन का लाभ उठाया है।

रहमखानी काशीपुर निवासी योजना शर्मा छोले भटूरे और समोसे बनाकर परिवार के सदस्यों की वाहवाही लूट रही हैं। बहरहाल इन सबसे यह तो साबित होता है कि भारतीय हर संकट में भी अपनी खुशियां ढूंढ लेते हैं।

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