@शब्द दूत ब्यूरो (07 अक्टूबर 2025)
देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड में तेजी से बदलते डेमोग्राफिक स्वरूप को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक और बड़ा कदम उठाया है। सीएम धामी ने गृह विभाग को पुलिस सत्यापन प्रक्रिया को डिजिटल और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की पहचान और रिकॉर्ड को सटीक रखने के लिए तकनीक का उपयोग किया जाए।
मुख्यमंत्री ने गृह सचिव शैलेश बगौली को निर्देशित किया है कि राज्य में कार्यरत अथवा रह रहे बाहरी लोगों के सत्यापन को अनिवार्य और सुगम बनाया जाए ताकि फर्जी दस्तावेजों पर आधार कार्ड, वोटर आईडी और राशन कार्ड बनवाने जैसी गतिविधियों पर रोक लग सके।
पिछले दिनों देहरादून और हरिद्वार में चलाए गए सत्यापन अभियानों में कई बांग्लादेशी घुसपैठियों के पकड़े जाने के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। सीएम धामी ने कहा कि सत्यापन प्रक्रिया को केवल अभियान तक सीमित न रखकर इसे नियमित व्यवस्था का हिस्सा बनाया जाए।
गृह विभाग ने पुलिस और आईटी विभाग के सहयोग से एक विशेष ऐप विकसित करने की दिशा में काम शुरू किया है, जिससे सत्यापन प्रक्रिया डिजिटल हो जाएगी। इस ऐप के माध्यम से आने वाले लोगों का डेटा बेस तैयार होगा, जो पुलिस मुख्यालय से सीधे जुड़ा रहेगा। फिलहाल ऐप का ट्रायल चल रहा है और संभावना है कि माह के अंत तक इसे पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा।
कुमाऊं मंडल की पुलिस महानिरीक्षक रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि यह ऐप पुलिस के लिए सत्यापन प्रक्रिया को बेहद आसान बना देगा। उन्होंने कहा कि “तकनीक की मदद से न केवल पुलिस का काम तेज होगा, बल्कि बाहरी राज्यों से आए लोगों को भी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुविधा मिलेगी।”
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट कहा कि, “देवभूमि की सांस्कृतिक और जनसंख्या संरचना को सुरक्षित रखना हमारी प्राथमिकता है। बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों का सत्यापन अनिवार्य है ताकि कोई भी गलत प्रवृत्ति का व्यक्ति राज्य में न बस सके। हमने गृह विभाग को आधुनिक तकनीक के उपयोग से इस प्रक्रिया को त्वरित और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हैं।”
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