@शब्द दूत ब्यूरो (13 जुलाई 2025)
वॉशिंगटन डीसी/न्यूयॉर्क। अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने खालिस्तानी आतंकवाद से जुड़े एक बड़े मॉड्यूल का पर्दाफाश करते हुए आठ खतरनाक आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इन आतंकियों में दिलप्रीत सिंह, अर्शप्रीत सिंह, अमृतपाल सिंह, विशाल , पवित्तर सिंह (मोस्ट वांटेड), गुरताज सिंह, मनप्रीत रंधावा और सरबजीत सिंह शामिल हैं। सभी आरोपी गंभीर आपराधिक गतिविधियों और आतंकवाद फैलाने की साजिश में लिप्त पाए गए हैं।
सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई भारतीय खुफिया एजेंसियों के इनपुट के आधार पर की गई, जिसमें बताया गया था कि भारत से फरार गैंगस्टर और खालिस्तानी आतंकी अमेरिका में शरण लेकर वहीं से आपराधिक और आतंकी गतिविधियां संचालित कर रहे हैं।
गिरफ्तार आतंकियों के विरुद्ध अपहरण, यातना देना, गैरकानूनी तरीके से लोगों को बंदी बनाना, संगठित साजिश रचना, गवाहों को धमकाना, सेमी-ऑटोमैटिक हथियारों से हमला, आतंक फैलाने की धमकी देना जैसे गंभीर आरोप दर्ज किए गए हैं। साथ ही, इन पर गैंग एक्ट के तहत अतिरिक्त दंड भी जोड़े गए हैं।
पुलिस जांच में सामने आया कि ये आतंकी मशीन गन, अवैध असॉल्ट वेपन, हाई-कैपेसिटी मैगज़ीन, शॉर्ट-बैरल राइफल जैसे घातक हथियारों के निर्माण और बिक्री में शामिल थे। साथ ही, इनके पास से बिना रजिस्ट्रेशन वाला लोडेड हैंडगन भी बरामद हुआ है।
जांच एजेंसियों द्वारा जो हथियार जब्त किए गए हैं, उनमें 5 पिस्टल, जिनमें से एक पूरी तरह से ऑटोमैटिक Glock, 1 असॉल्ट राइफल, सैकड़ों की संख्या में गोलियां, हाई-कैपेसिटी मैग्जीन के साथ ही $15,000 नकद शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार, इन गिरफ्तार आतंकियों का संबंध खालिस्तानी संगठनों से है और यह समूह अमेरिका में बैठकर भारत विरोधी गतिविधियों को संचालित कर रहा था। साथ ही, इनका नेटवर्क कनाडा, ब्रिटेन और भारत में फैले अन्य संदिग्धों से जुड़ा हुआ है। गिरफ्तारियों से खालिस्तानी आतंक का एक वैश्विक नेटवर्क सामने आया है जो आधुनिक हथियारों और फंडिंग के ज़रिए पश्चिमी देशों में शरण लेकर गतिविधियों को अंजाम दे रहा था।
एफबीआई और अन्य अमेरिकी एजेंसियों की इस सटीक कार्रवाई की भारत सरकार ने भी सराहना की है। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पहले से इन आतंकियों के खिलाफ इनपुट साझा किए थे। भारत अब इनके प्रत्यर्पण की संभावनाओं पर भी विचार कर रहा है, ताकि इन्हें भारतीय अदालतों में भी न्याय के कटघरे में लाया जा सके।
यह कार्रवाई अमेरिका में खालिस्तानी गतिविधियों के बढ़ते प्रभाव के प्रति चेतावनी भी है और यह संकेत भी कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद को लेकर अब ज्यादा सख्त दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है।
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