@शब्द दूत ब्यूरो (24 जून 2025)
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग ई से मुलाकात की। श्री डोभाल ने क्षेत्र की समग्र शांति और स्थिरता बनाए ररखने के लिए आतंकवाद के सभी रूपों से निपटने की आवश्यकता का उल्लेख किया। दोनों पक्षों ने दोनों देशों के लोगों के संबंधों को बढ़ावा देने सहित भारत-चीन के द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास को बढ़ावा देने की आवश्यकता का जिक्र किया।
इस दौरान एन एस ए अजीत डोभाल ने पहलगाम आतंकवादी हमले (22 अप्रैल) का संदर्भ देते हुए सीमा पार आतंकवाद और आतंकवादी संरचनाओं को समाप्त करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। इस हमले में 26 नागरिकों को खोने की पृष्ठभूमि में, डोवाल ने आतंकवाद की सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से निपटने के लिए क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने की महत्ता पर बल दिया ।
दोनों प्रतिनिधियों ने भारत–चीन संबंधों की वर्तमान स्थिति, लोगों के बीच संवाद, और बहुपक्षीय सहयोग, विशेषकर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) को लेकर भी विचार-विमर्श किया। डोवाल ने SCO समिट के दौरान चीन की वर्तमान अध्यक्षता को सफल बनाने में भारत की पूर्ण सहमति जताते हुए, द्विपक्षीय संवाद और कूटनीतिक रिश्तों को आगे बढ़ाने की इच्छा जताई ।
वांग यी ने बैठक को सकारात्मक बताते हुए कहा कि “ड्रैगन और एलिफेंट जब साथ नाचते हैं, तभी दोनों के लिए जीत‑जीत की स्थितियाँ बनती हैं”, और सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए दोनों देशों के बीच सतत भरोसा और संवाद की आवश्यकता की बात की ।
MEA के आवृत्ति वक्तव्य में बताया गया कि NSA डोवाल ने वांग यी के साथ अगली बार भारत में “विशेष प्रतिनिधि संवाद” की 24वीं शृंखला आयोजित करने की इच्छा जताई। यह यात्रा इसी संदर्भ में महत्वपूर्ण साबित हो रही है ।
यह मुलाकात आतंकवाद रोधी वैश्विक सहमति, सीमा विवादों की स्थिरता, और द्विपक्षीय संवाद को गहराई प्रदान करती है। पहल्माग हमले के बाद का यह कदम भारत की सख्त रुख़ को दर्शाता है, जबकि चीन द्वारा सीमित सकारात्मक संकेत, भविष्य में मजबूत सहयोग की राह खोलने की उम्मीद जगाता है।
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