@शब्द दूत ब्यूरो (12 अक्टूबर 2025)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) में आयोजित एक विशेष कृषि कार्यक्रम के दौरान देशभर के किसानों से संवाद किया। इस दौरान मध्य प्रदेश के जबलपुर से आए युवा कृषि नवप्रवर्तक ने प्रधानमंत्री को एरोपोनिक्स तकनीक के माध्यम से आलू के बीज उत्पादन पर अपने अभिनव प्रयोग की जानकारी दी।
उन्होंने पीएम मोदी को बताया कि यह वर्टिकल फार्मिंग तकनीक है, जिसमें आलू मिट्टी में नहीं बल्कि हवा में लटककर उगते हैं। उन्होंने कहा, “सर, हम मेरोपोनिक्स के थ्रू पोटैटो सीड्स बनाते हैं। यह वर्टिकल फार्मिंग है। आलू लटकते हुए उगते हैं, मिट्टी में नहीं। हम आलू से सोना तो नहीं बनाते, पर ये आलू सोने से कम भी नहीं, क्योंकि इन्हीं बीजों को खेतों में मल्टीप्लाई करके किसान अपनी उपज बढ़ाते हैं।”
आतिशला ने बताया कि इन आलुओं को “जैन पोटैटो” के नाम से विपणन किया जाता है। यह उत्पाद जैन आहार परंपरा के अनुरूप है, जिसमें भूमिगत कंद-मूल सब्जियों का सेवन वर्जित होता है। चूंकि यह तकनीक आलू को मिट्टी से बाहर उगाती है, इसलिए इसे जैन समुदाय द्वारा स्वीकार्य माना जाता है।
उन्होंने आगे कहा, “अगर आलू जमीन में होता है तो जैन समुदाय उसे नहीं खाते, लेकिन हवा में उगा हुआ ‘जैन पोटैटो’ उनके लिए उपयुक्त है। ये हमारा जैन आलू है, सर।”
एरोपोनिक्स तकनीक से तैयार ये बीज बाद में खेतों में गुणा किए जाते हैं, जिससे क्षेत्र के अनेक किसानों को लाभ मिल रहा है। प्रधानमंत्री ने इस अभिनव प्रयोग की सराहना करते हुए कृषि क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
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