@शब्द दूत ब्यूरो (11 अक्टूबर 2025)
नयी दिल्ली। करवाचौथ के अगले ही दिन यानी 11 अक्टूबर को देशभर में सोने के भाव में गिरावट दर्ज की गई है, जबकि चांदी के दामों में तेजी देखने को मिल रही है। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, जयपुर, लखनऊ, भोपाल और अहमदाबाद जैसे प्रमुख शहरों में आज 24 कैरेट सोने की कीमत ₹1,23,700 से ₹1,23,850 प्रति 10 ग्राम के बीच रही, जबकि 22 कैरेट सोना ₹1,13,390 से ₹1,13,540 प्रति 10 ग्राम के बीच बिका।
सोने की गिरावट के उलट, चांदी ने करवाचौथ के बाद बाजार में चमक बिखेरी है। 11 अक्टूबर को चांदी का खुदरा भाव बढ़कर ₹1,74,100 प्रति किलोग्राम पहुंच गया। 10 अक्टूबर को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर दिसंबर डिलीवरी वाली चांदी का वायदा भाव ₹2,225 यानी 1.52% की तेजी के साथ ₹1,48,549 प्रति किलोग्राम दर्ज किया गया।
बाजार जानकारों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डॉलर इंडेक्स और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बदलाव से सोने पर दबाव बना हुआ है। दूसरी ओर, औद्योगिक मांग और निवेशकों की बढ़ती खरीदारी से चांदी में तेजी आई है। पिछले कुछ महीनों से दोनों कीमती धातुओं के दाम रिकॉर्ड स्तरों के करीब पहुंच चुके हैं। दिवाली जैसे बड़े त्योहार से पहले निवेशक और बढ़त की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञ अब सतर्क कर रहे हैं कि मौजूदा तेजी टिकाऊ नहीं है।
PACE 360 के को-फाउंडर और चीफ ग्लोबल स्ट्रैटेजिस्ट अमित गोयल का कहना है कि सोना और चांदी अपनी वास्तविक वैल्यू से काफी ऊपर कारोबार कर रहे हैं। उनके अनुसार, “पिछले 40 वर्षों में सिर्फ दो बार ऐसा हुआ है जब डॉलर कमजोर होने पर गोल्ड और सिल्वर में इतनी तेजी आई, और दोनों बार भारी गिरावट देखने को मिली।” गोयल का अनुमान है कि सोने का भाव ₹1,22,000 प्रति 10 ग्राम से गिरकर ₹77,700 तक जा सकता है, जबकि चांदी में 50% तक की गिरावट संभव है — यानी ₹1,57,900 प्रति किलो से घटकर लगभग ₹77,450 प्रति किलो तक।
इस समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड करीब $4,000 प्रति औंस और सिल्वर $50 प्रति औंस के आसपास कारोबार कर रही है। वहीं भारत में 8 अक्टूबर को दिल्ली में 24 कैरेट सोने का भाव ₹1,22,540 प्रति 10 ग्राम और चांदी का भाव ₹1,57,900 प्रति किलो था।
गोयल के अनुसार, यदि गोल्ड $2,600–$2,700 प्रति औंस तक गिरता है, तभी यह निवेश के लिए सही मौका होगा। उस स्तर पर सोना फिर से सबसे सुरक्षित और आकर्षक निवेश बन सकता है। हालांकि, वे सिल्वर के प्रति उतने आशावादी नहीं हैं, क्योंकि वैश्विक मंदी से चांदी की औद्योगिक मांग प्रभावित हो सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगले 2–3 साल में अमेरिका के नेतृत्व में गहरी वैश्विक मंदी आ सकती है, जिससे फोटोवोल्टाइक, सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टरों में चांदी की मांग घट सकती है। गोयल ने निवेशकों को सलाह दी है कि फिलहाल सोना और चांदी में निवेश की जल्दी न करें। आने वाले महीनों में जब बाजार में गिरावट आएगी, तभी असली निवेश का अवसर बनेगा।
करवाचौथ के बाद सोना सस्ता हुआ है, जबकि चांदी महंगी। विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा तेजी अस्थायी है और जल्द ही बाजार में भारी गिरावट देखी जा सकती है। निवेशक फिलहाल सावधानी बरतें और बाजार के स्थिर होने का इंतजार करें।
डिस्क्लेमर – यह लेख पूरी तरह से बाजार विशेषज्ञों की राय पर आधारित है।
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