नई दिल्ली (वेद भदोला) । भारत में आर्थिक मंदी को सरकार भले ही नकार रही हो। केन्द्रीय मंत्री रविशंकर फिल्मों की कमाई को आधार बनाकर बेहतर आर्थिक स्थिति बता रहे हैं। पर दो दिनों में एक महान अर्थशास्त्री और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति के बयानों ने सरकार के बेहतर अर्थव्यवस्था के दावे को बुरी तरह धो दिया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति और राजनीतिक अर्थशास्त्री पराकला प्रभाकर ने देश में आर्थिक मंदी की बात स्वीकार की है। द हिंदू अखबार में छपे अपने लेख में प्रभाकर ने कहा है कि बीजेपी ने अबतक के अपने दोनों कार्यकाल में केवल नेहरू पर राजनीतिक हमले किए हैं और पार्टी इकोनॉमी का अपना मॉडल और समझ विकसित करने में विफल रही है। लेख में उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक सुस्ती है और लोग इसको लेकर चिंतित हैं। प्रभाकर ने कहा कि अलग-अलग डेटा से पता चल रहा है कि उनकी स्थिति खस्ताहाल है। लेकिन, सरकार इसे मानने के बजाय लगातार नकार रही है।
उधर नोबेल पुरस्कार जीतने के बाद भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी का भी एक बयान सामने आया जिसमें उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था डगमगाती स्थिति में है। उन्होंने कहा कि इस समय उपलब्ध आंकड़ें यह भरोसा नहीं जगाते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था जल्द पटरी पर आ सकती है। उन्होंने कहा, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति डगमगाती हुई है। वर्तमान (विकास के) आंकड़ों को देखने के बाद, (निकट भविष्य में अर्थव्यवस्था के पुनरोद्धार) को लेकर निश्चिंत नहीं हुआ जा सकता है।’
58 साल के बनर्जी ने अमेरिका से एक समाचार चैनल को बताया, ‘पिछले पांच-छह वर्षों में, हमने कम से कम कुछ विकास तो देखा, लेकिन अब वह आश्वासन भी खत्म हो गया है।’