Breaking News

विमोचन: नवगीत के बहाने मूल्यों की पड़ताल, डॉ ब्रजेश शर्मा का शोधग्रंथ, प्रकाशन के लिए 40 साल की प्रतीक्षा हुई पूरी

क्या आप यकीन कर सकते हैं किसी ऐसे लेखक की जो अपनी पोस्ट के प्रकाशन के लिए पूरे ४० साल तक इन्तजार करे। जबकि आजकल देश में पुस्तकों का प्रकाशन हाथो -हाथ सम्भव है । ग्वालियर के साहित्यकार डॉ ब्रजेश शर्मा ने अपनी पहली पुस्तक के प्रकाशन के लिए चालीस साल इन्तजार किया। शर्मा जी बैंक से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं लेकिन उनकी साहित्य में रूचि उतनी ही पुरानी है जितने कि शर्मा जी ।

पूरे 70 साल के ब्रजेश शर्मा ने 1984 में नवगीत के ऊपर पहला शोधकार्य किय। विषय था ‘ नवगीत : जीवन और मूल्य’ एक दम नया विषय था उस समय ,न कोई संदर्भ सामग्री और न कोई ढंग का गाइड ,लेकिन शर्मा कि जिद थी सो ये काम हो गय। उनका शोधपत्र जब साक्षात्कार के लिए परीक्षकों के सामने आया तो वे भौंचक रह गए। उन्हें तब और आश्चर्य हुआ जब बताया गया कि शोधकर्ता तो बैंक कर्मी है शर्मा जी ने पिछले साल मुझे अपना शोध ग्रन्थ पढ़ने को दिया ,उनका आग्रह था कि यदि मैं इसकी भूमिका लिखू तो वे इसे प्रकाशित करा सकते हैं । मैं इस कार्य के लिए सहर्ष तैयार हो गया क्योंकि विषय ही ऐसा था । और मुझे ख़ुशी है कि शर्मा जी की इच्छाशक्ति के चलते गत 16 नवंबर 2023 को ये शोधग्रंथ प्रकाशित होकर लोकार्पित भी कर दिया गय। मानस भवन ग्वालियर में आयोजित विमोचन समारोह में देश के नामचीन वह गीतकार डॉ सोम ठाकुर ९०वर्ष की वय  के बावजूद ग्वालियर पहुंचे । मुख्य वक्तव्य देने के लिए प्रयाग से चलकर यश मालवीय भी ग्वालियर आये। डॉ कीर्ति काले भी समारोह में मौजूद रही। डॉ सोम ठाकुर ने कहा कि डॉ ब्रजेश शर्मा का शोध कार्य बेमिसाल है। यश मालवीय ने कहा कि इस शोधग्रंथ से नवगीत के जीवन मूल्यों को समझने में बहुत आसानी होगी। डॉ कीर्ति काले ने कहा कि ये इतना महत्वपूर्ण शोध ग्रन्थ है कि इसे देश के अनेक विश्व विद्यालयों को पाठ्यक्रमों का हिस्सा बनाने के साथ ही अपने खर्चे पर प्रकाशित करना चाहिए। मेरी नजर में तो ये शोधकार्य था ही अनूठा ।

मुंबई के किताब राइटिंग पब्लिकेशन ने इसे बड़ी ही मेहनत से प्रकाशित किया है । यद्यपि शोध ग्रन्थ की कीमत [९००] रूपये बहुत अधिक है ,इसलिए इसका कम कीमत का संस्करण तो और लोकोपयोगी हो सकता ह। ३३०पृष्ठ के इस शोधग्रंथ की सामग्री छह खंडों में विभक्त है और गीत तथा नवगीत में रूचि रखने वालों के लिए संजीवनी ह। लोकार्पण समारोह के बाद सभी अतिथि कवियों ने अपनी रचनाओं का पाठ भी किया। संचालन डॉ करुणा सक्सेना न किया और आभार प्रदर्शन डॉ भगवानस्वरूप चैतन्य ने किया । आयोजन में श्रीराम सेंटर फार एक्सीलेंस के छात्रों ने अपनी सक्रिय भूमिका अदा की। उनका भी इस मौके पर सम्मान किया गया।
@ राकेश अचल

 

Check Also

जसपुर :पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन के अंतर्गत निर्मित पौने दो करोड़ की लागत की टंकी के टपकने का रहस्य, देखिए वीडियो

🔊 Listen to this @शब्द दूत ब्यूरो (09 सितंबर 2024) जसपुर। ग्राम करनपुर में जल …

googlesyndication.com/ I).push({ google_ad_client: "pub-