हमारे लिए देश की सुरक्षा और देश प्रेम शायद अपने से एक चौथाई देश पाकिस्तान को गरियाना ही है। हम अपने रक्षा के प्रति कितने गंभीर इसका उदाहरण है। देश का पहला पूर्ण स्वदेशी युद्ध पोत आई एन एस विक्रांत में घटित ताज़ी घटना। विक्रांत’ के चार सर्वाधिक परिष्कृत कम्प्यूटर्स के इलेक्ट्रिक पुर्जे चोरी हो गये हैं। देश के सर्वाधिक सुरक्षित स्थानों में शुमार इस क्षेत्र में सेंध सुरक्षा में भारी चूक माना जा रहा है।
विक्रांत का नौसेना के बेड़े में वर्ष 2021 में शामिल किया जाना प्रस्तावित है। कोच्चि शिपयार्ड लिमेटेड(सीएसएल) के सूत्रों ने बताया कि ‘विक्रांत’ के चार कम्प्यूटर्स के हार्ड डिस्क, रैंडम एक्सेस मेमोरी(रैम) और प्रोसेसर चोरी हो गये हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि चोरी कब हुई।
प्रारंभिक जांच में पता चला कि डिवाइस 28 अगस्त तक वैसल के अंदर ही था। विक्रांत में चोरी की जानकारी सोमवार को मिली और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इस जहाज की रक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ की थी। इस घटना ने कोचीन शिपयार्ड की सुरक्षा में एक बड़ी चूक को उजागर किया है जहां भारत के विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य को रिफिट और रखरखाव के लिए लाया गया है। विक्रांत कोचीन शिपयार्ड में निर्मित होने वाला सबसे प्रतिष्ठित विमान वाहक है।
400 टन का विक्रांत वाहक पोत अपने निर्माण के एडवांस स्टेज में है और इसे भारतीय नौसेना में शामिल करने के पहले कई परीक्षण प्रक्रियाओं और टेस्ट की श्रृंखला से होकर गुजरना होगा। इसके मूल डिजाइन को नौसेना डिजाइन निदेशालय ने बनाया था। जहाज की लंबाई 260 मीटर और चौड़ाई 60 मीटर है। इसके दो टेक ऑफ रनवे हैं और एक लैंडिंग स्ट्रिप (हवाई पट्टी) है। समुद्र में चलता-फिरता लड़ाकू हवाई अड्डा विक्रांत का निर्माण पूरी तरह से भारत में हुआ है। अभी विश्व में अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और फ्रांस के पास ही यह युद्ध पोत की क्षमता है।ऐसा कहा जाता है कि चीन के पास भी ऐसा युद्ध पोत नहीं है।
इसमें सबसे घातक हथियार मिग-29 की व्यवस्था हैं । इसके डेक पर करीब 25 से 30 लड़ाकू विमानों को बेड़ा तैनात किया जा सकता हैं । इनमें 12 मिग-29 के, 8 तेजस विमान और 10 एंटी-सबमरीन हेलीकॉप्टर रखे जा सकते हैं । इसके हेलीकॉप्टर अर्लीवॉर्निंग सिस्टम से लैस होते हैं जिससे दुश्मन की कोई भी पनडुब्बी विक्रांत के पास फटक नहीं पाएगी।
इतने संवेदनशील शक्तिशाली जहाज पर चोरी हो जाना को यदि गंभीरता से लें तो यह देश कि सुरक्षा प्रणाली पर सवाल है , इससे पहले हमारी मिसाईल अपने ही हेलिकोप्टर को मार गिराने का कारनामा तब कर चुकी है जब सर्जिकल स्ट्राईक के बाद देश की सीमा पर तनाव था।