@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (28 सितंबर, 2023)
आज के युवा भारत के लिए चौंकाने वाली खबर ये है कि आने वाले दशकों में देश तेजी से वृद्ध होते समाज में बदल जाएगा। 2050 तक हर पांच में से एक शख्स बुजुर्ग होगा। सदी के अंत में कुल आबादी में 36 फीसदी वृद्ध होंगे, जो अभी महज 10.1 फीसदी हैं। मौजूदा चलन के मुताबिक तकरीबन 15 साल में 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के नागरिकों की संख्या दोगुनी हो रही है।
भारतीय आबादी के बुजुर्ग होने से आने वाली समस्याओं और उनके निदान व समाधान को ध्यान में रखकर संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष व भारत इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पापुलेशन साइंसेज ने इंडिया एजिंग रिपोर्ट, 2023 जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ही नहीं, पूरी दुनिया की आबादी बूढ़ी हो रही है।
वैश्विक स्तर पर बात की जाए, तो 2022 में 7.9 अरब की आबादी में से करीब 1.1 अरब लोग 60 वर्ष से अधिक उम्र के थे। यह आबादी का करीब 13.9 फीसदी हिस्सा है। 2050 तक वैश्विक आबादी में बुजुर्गों की तादाद बढ़कर करीब 2.2 अरब यानि तकरीबन 22 प्रतिशत के करीब पहुंच जाएगी।
भारत में बुजुर्गों की तादाद बढ़ने की तीन वजह हैं- घटती प्रजनन क्षमता, मृत्यु दर में कमी और उत्तरजीविता में वृद्धि। बीते एक दशक में देश में प्रजनन क्षमता में 20 फीसदी की गिरावट आई है। 2008-10 के दौरान देश की सकल प्रजनन दर 86.1 थी, जो 2018 से 2020 के दौरान घटकर 68.7 रह गई है।
साठ पार उम्र की 16.5% आबादी के साथ केरल सबसे बुजुर्ग राज्य है। वहां बुजुर्गों की उत्तरजीविता में वृद्धि व प्रजनन दर में तीव्र गिरावट हुई है। सबसे बुजुर्ग पांच राज्यों में तमिलनाडु, केरल व आंध्र प्रदेश दक्षिण से हैं, हिमाचल व पंजाब उत्तर से हैं। आंध्र (12.3%) पांचवां, पंजाब (12.6%) चौथा, हिमाचल (13.1%) तीसरा और तमिलनाडु (13.7%) दूसरा सबसे बुजुर्ग राज्य है।