@शब्द दूत ब्यूरो (02 दिसंबर 2022)
बदायूं। चूहे के मर्डर केस में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जी हाँ, चूहे की हत्या नहीं हुई थी बल्कि उसे पहले से कई बीमारियां थी जिस वजह से उसकी मौत हुई।
देश में अपनी तरह का यह पहला मामला है। चूहे की हत्या का आरोप एक व्यक्ति पर लगा था उसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। बाद में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चूहे को कई बीमारियों का होना साबित हुआ। बरेली के आईवीआरआई में वैज्ञानिकों ने चूहे का पोस्टमॉर्टम करने वाले चिकित्सकों के अनुसार चूहे की मौत नाली के पानी में डूबने से नहीं बल्कि दम घुटने से हुई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि और चूहे के फेफड़े और लीवर पहले से ही काफी खराब थे। जिसकी वजह से चूहे का ज्यादा समय तक जिंदा रह पाना नामुमकिन था।
बता दें कि बदायूं जिले के कोतवाली सदर क्षेत्र के मोहल्ला कल्याण नगर निवासी पशु प्रेमी विकेंद्र शर्मा 25 नवंबर की दोपहर बदायूं के गांधी ग्राउंड चौराहे के पास से गुजर रहे थे। जहां उन्हें मनोज कुमार नाम के युवक को चूहे की पूंछ में पत्थर बांधकर नाले में डुबाते हुए देखा। उन्होंने तत्काल नाले में कूदकर चूहे को बाहर निकाला, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। इसके बाद विकेंद्र ने इस मामले की शिकायत स्थानीय थाने में कई। पुलिस ने चूहे के शव को सील किया और बदायूं के पशु चिकित्सालय में भेजा। पहले वहां स्टाफ ने संसाधनों के अभाव में पोस्टमॉर्टम करने से इंकार कर दिया। जिस पर वादी विकेंद्र शर्मा के प्रार्थना पत्र पर पुलिस ने बरेली स्थित आईवीआरआई में चूहे के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। आईवीआरआई के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉक्टर केपी सिंह का कहना है कि देश में चूहे के पोस्टमार्टम होने का यह पहला मामला है। केपी सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम करने के बाद चूहे के अन्य अंगों की माइक्रोस्कोप से जांच की गई।
पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर अशोक कुमार डॉक्टर पवन कुमार ने चूहे का पोस्टमार्टम किया। जिससे यह पता चला कि फेफड़ों में नाली के पानी की गंदगी के कोई विशेष नहीं मिले। उसकी मौत दम घुटने से नहीं हुई। चूहे के फेफड़े और लीवर पहले से ही खराब थे और चूहा कई बीमारी से ग्रसित था। जिसकी वजह से उसका बच पाना बेहद मुश्किल था।