नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले से बड़ा ऐलान किया है।तीनों सेनाओं में तालमेल को बढ़ाने के लिए अब उनका एक सेनापति बनाया जाएगा।जिसे ‘चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ’ (CDS) कहा जाएगा। सेना के इतिहास में ये पद पहली बार बनाया गया है। उन्होंने कहा कि तीनों सेनाओं को एक साथ चलना हो। इससे तीनों सेनाओं को प्रभावी नेतृत्व मिलेगा। इससे तीनों सेनाओं के लिए जो हमारा रिफॉर्म्स का सपना हो वो पूरा होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने ककहा कि समय रहते सुधार की जरुरत होती है। संसाधनों को लेकर काफी चर्चा हुई है। अनेक रिपोर्ट्स आई हैं। सभी रिपोर्ट्स एक ही समस्या को उजागर करती रही हैं। हमारी सेना के तीनों अंगों जल थल नभ में ही कॉर्डिनेशन तो है। किसी भी भारतीय को इसमें गर्व है। लेकिन आज जैसे दुनिया बदल रही है। आज जिस तरह तकनीक व्यवस्थाएं बन रही हैं। भारत को इसमें नहीं रुकना चाहिए। हमारी सेनाओं को एक साथ आगे बढ़ना होगा। जल थल नभ में एक आगे चले, दूसरा दो कदम पीछे हो ऐसा नहीं चल सकता। सबको साथ चलना होगा। प्रधान मंत्री ने अपने भाषण में अनुच्छेद 370 और 35-ए का कई बार जिक्र किया.जनसंख्या विस्फोट रोकने के लिए सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता है। आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देते अनुच्छेद 370 और राज्य के लोगों को विशेषाधिकार देते अनुच्छेद 35-ए को हटाने का प्रमुखता से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस फैसले का विरोध करने वाले से पूछना चाहता हूं कि अगर यह अनुच्छेद इतना जरूरी था, इसी से भाग्य बदलने वाला था तो 70 सालों में (विपक्षी दलों का) बहुमत होने के बावजूद इसे अस्थायी क्यों रखा गया, इसे स्थायी क्यों नहीं किया गया? हम न समस्याओं को टालते हैं, न समस्याओं को पालते हैं। जो काम 70 साल में नहीं हुआ, वह नई सरकार बनने के 70 दिन के भीतर किया गया। संसद के दोनों सदनों ने दो तिहाई बहुमत से इसे पारित कर दिया। राष्ट्र को दिए अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जनसंख्या विस्फोट रोकने के लिए सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे समर्पण के साथ देश सेवा में समर्पित हैं। अनुच्छेद 370 का हटना, तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाना और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने जैसे कदम उठाए और किसानों के लिए पेंशन योजना शुरू की है। देश में जल संरक्षण की जरूरत है। इसके लिए जल शक्ति मंत्रालय बनाया है। बच्चों के साथ अपराध को सहन नहीं किया जा सकता है। इसे रोकने लिए कानून कड़ा किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम देश बदल सकते हैं, हम पीछे नहीं रह सकते है।भ्रष्टाचार दीमक की तरह हमारी जिंदगी में घुस चुका है। बीमारी इतनी फैली है कि इसे ठीक होने में काफी समय लग रहा है। मैं मानता हूं व्यवस्थाओं में बदलाव होना चाहिए, लेकिन मैं मानता हूं समाज जीवन में बदलाव होना चाहिए। मैं मानता हूं कि व्यवस्थाएं चलाने वाले लोगों के मन में भी बदलाव होना चाहिए। देश आजादी के इतने साल बाद परिपक्व हुआ है। हम आजादी के 75 साल मनाने जा रहे हैं। यह आजादी सहज संस्कार, सहज स्वभाव, सहज अनुभुति यह भी आवश्यक होती है।”
“मैं अपने अफसरों से बार बार कहता हूं कि आजादी के इतने सालों बाद सरकार का जो दखल है आम नागरिकों के बीच क्या हम उस दखल को कम नहीं कर सकते। आजाद भारत का मतलब यह है कि सरकारें लोगों के जीवन से बाहर आएं और लोग अपने हिस्से में देश के लिए, परिवार के लिए और अपने सपनों को पूरे करने के लिए खुद आगे आएं।
मोदी ने कहा कि आज दुनिया में विश्वास पैदा हुआ है कि भारत जैसा देश ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में इतनी बड़ी जंप लगा सकता है। लेकिन मेरी नजर है ईज ऑफ लिविंग पर। मेरा देश आगे बढ़े लेकिन इंक्रीमेंटल प्रोग्रेस के लिए अब देश ज्यादा इंतजार नहीं कर सकता। हमें हाई जंप लगानी होगी। भारत को ग्लोबल बेंचमार्क की तरफ ले जाने के लिए हमें आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर की तरफ जाना पड़ेगा। हमने तय किया है कि इस कालखंड में 100 लाख करोड़ रुपए आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए लगाए जाएंगे। चाहे अस्पताल बनाने हों या भारतमाला प्रोजेक्ट।
‘प्रधानमंत्री ने कहा कि आमतौर पर हमारे देश में सरकारों की पहचान ऐसे बनती थी कि देश की सरकार ने इस वर्ग के लिए क्या किया, इस क्षेत्र के लिए क्या किया। यानी किसके लिए क्या किया कितना दिया पर सरकारें चलती रहीं। शायद उस समय की यही मांग थी। लेकिन अब इन सब चीजों के रहते हुए भी देश को कहां ले जाएंगे, हम सब मिलकर देश के लिए क्या करेंगे। इन सबके बारे में सोचना और जीना यह समय की मांग है। इसीलिए 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी इसका सपना संजोया है।130 करोड़ देशवासी अगर छोटी चीजों को लेकर भी चल पड़े तो सपना साकार हो जाएगा। कई लोगों को मुश्किल भी लग सकता है। लेकिन अगर कदम नहीं उठाएंगे तो आगे कैसे बढ़ेंगे। आजादी के 70 साल बाद हम 2 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी में पहुंचाया। 5 साल के अंदर 2 ट्रिलियन से 3 ट्रिलियन पहुंच गए। 70 साल में हमने इतना बड़ा जंप लगाया तो आने वाले 5 साल में भी हम 5 ट्रिलियन इकोनॉमी बन सकते हैं। जब इकोनॉमी बेहतर होती है तो लोगों के लिए अवसर पैदा होते हैं। देश के आर्थिक क्षेत्र में हमें इसे आगे ले जाना है।
मोदी ने कहा, ‘‘भारत आतंक फैलाने वालों के खिलाफ मजबूती से लड़ रहा है। आतंकियों ने मानवता के खिलाफ युद्ध छेड़ा हुआ है। दुनिया से आतंकवाद को खत्म करने के लिए हमने बीड़ा उठाया है। कुछ लोगों ने हमारे पड़ोसी देशों में हमले किए। निर्दोषों को मौत के घाट उतार दिया। ऐसे में भारत मूकदर्शक बनकर नहीं बैठ सकता है। आतंक का माहौल बनाने वालों को खत्म करना है।पूज्य बापू की 150वीं जयंती का वर्ष है। यह हमारे कालखंड में हमें मिले यह हमारा सौभाग्य है। 130 करोड़ देशवासियों के दिल में बापू के अनुरूप इस पर्व को प्रेरणा का अवसर बनाकर आगे बढ़ना है। 2019 में कुछ ही हफ्तों के बाद ओपन डिफेकेशन फ्री घोषित कर पाएगा। सभी ने इसके लिए आंदोलन शुरू किया। प्रधानमंत्री ने देश के नागिकों से क प्रश्न भी किया कि क्या हम सिंगल यूज प्लास्टिक से निजात पा सकते हैं। क्या हम सड़कों और गंदी जगहों पर पड़े सिंगल यूज प्लास्टिक को इकट्ठा करें और सभी पंचायत, नगर पालिका इन्हें 2 अक्टूबर को उठाएं और देश को प्लास्टिक मुक्त करने की तरफ पहला कदम उठाएं। जिसके कारण अनेक समस्याएं पैदा हो रही हैं, उससे मुक्ति के लिए हमें आगे आना होगा। मैं दुकानदारों से कहूंगा कि वे अपनी दुकान के आगे बोर्ड लगाएं कि अपने घर से कपड़े का थैला लेकर निकलें। क्यों न हम त्योहार लोगों को इस बार कपड़े का थैला गिफ्ट करें।
मोदी ने कहा, ‘‘मेक इन इंडिया का जो मिशन जो हमने लिया है उसे हमे पूरा करना चाहिए। हमें प्रेरणा लेनी चाहिए कि मेरे देश में जो बनता है, वह मेरी प्राथमिकता होगी। हमें लकी कल के लिए लोकल प्रोडक्ट पर बल देना होगा। जो गांव में बनता है वो पहले। वहां से बाहर जाना पड़े तो तहसील में, नहीं तो जिले में। इससे हमारे लघु उद्योगों को कितना बल मिलेगा। देश की इकोनॉमी में इसके कारण हम मदद कर सकते हैं। हमारा रूपे कार्ड आने वाले समय में अन्य देशों में भी दिखने वाला है। हमारे देश के छोटे-छोटे व्यापारों में भी हमें डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना चाहिए। हमारे दुकानदार बोर्ड लगाते हैं आज नकद कल उधार। अब हमें बोर्ड लगाना चाहिए डिजिटल पेमेंट को हां, नकद को न।
मोदी ने किसानों से भी अपील की और कहा मैं किसान भाइयों से भी कुछ मांगना चाहता हूं। यह धरती हमारी मां है। क्या कभी हमने इस धरती मां के स्वस्थ्य की चिंता की है। हम जिस तरह रासायनिक खाद का इस्तेमाल कर धरती मां को तबाह कर रहे हैं।। आजादी के 75 साल होने वाले हैं। क्या हम 10%, 20%, 25% केमिकल फर्टिलाइजर का प्रयोग कम करेंगे। वंदे मातरम कहकर जो फांसी के तख्त पर चढ़ गया था, उसका काम पूरा करना भी हमारी जिम्मेदारी है। किसान मेरी इस मांग को पूरा करेंगे यह मेरा विश्वास है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं आज सभी परिवारों से आग्रह करता हूं कि जब देश आजादी का 73वां साल मना रहा है, तब आप नहीं चाहते कि आपकी संतान भी हमारे देश की बारीकियों को समझे। कौन नहीं चाहता कि हमारे बच्चे इस देश की मिट्टी से जुड़ें। हम कितने ही आगे बढ़ें, लेकिन जड़ों से कटना हमें कभी बचा नहीं सकता। भारत का सामर्थ्य उजागर करने के लिए मैं आपसे एक छोटी सी मांग कर रहा हूं। 2022 से पहले हम कम से कम अपने परिवार के साथ भारत के कम से कम 15 टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर जाएंगे। वहां कठियाइयां होंगी तो भी जाएंगे, अच्छे होटल नहीं होंगे तो भी जाएंगे। क्यों न हम 100 बेहतरीन टूरिस्ट डेस्टिनेशन न डेवलप करें। नॉर्थईस्ट में इतनी प्राकृतिक संपदा हैं। लेकिन कितनी यूनिवर्सिटी होंगी जो वहां अपनी टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाती होंगी। आप वहां जाना शुरू करेंगे तो दुनिया के लोग भी वहां आएंगे।