@शब्द दूत ब्यूरो (03 मार्च, 2022)
फतेहपुर के जंगल में हमलावर बाघ को तलाशने के लिए अब कार्बेट से दो हाथी भी आएंगे। डीएफओ रामनगर ने चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन से अनुमति हासिल करने के लिए पत्र भेजा था। डिवीजन को परमिशन मिल चुकी है। कार्बेट की ढिकाला रेंज में इन हाथियों को भेजा जाएगा जहां बाघ की तलाश में इन्हें लगाया जाएगा।
फतेहपुर रेंज में वन्यजीवों का आतंक दिसंबर से सुर्खियों में है। दमुवाढूंगा, ब्यूराखाम टंगर, बजूनिया हल्दू और पनियाली के कुल चार लोग हमले में जान गंवा चुके हैं। पहली दो घटनाओं में हमलावर गुलदार था। जबकि उसके बाद बाघ ने दो लोगों को मौत के घाट उतारा था।
इसके बाद से वन विभाग की टीम बाघ को ट्रैंकुलाइज करने की कोशिशों में जुटी है। पिछले छह दिन से टीम इस काम में लगी हुई है। वन्यजीव चिकित्सकों की मदद भी ली जा रही है। घने जंगल में बाघ को तलाशना मुश्किल होने के साथ खतरनाक भी है। इसलिए 50 ट्रैप कैमरे फिट कर लोकेशन ट्रेस करने का प्रयास किया जा रहा है। तीन कैमरों में बाघ कैद भी हुआ।
वहीं, घने जंगल में गश्त के लिए वन विभाग ने हाथियों की मदद लेने का फैसला भी लिया था। नजदीक में रामनगर कार्बेट से ही यह उपलब्ध होते हैं। लेकिन इसके लिए मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक की मंजूरी जरूरी थी। फिलहाल वन विभाग को परमिशन मिल चुकी है।