उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के परिणाम भले ही 10 मार्च को आएंगे, लेकिन उससे पहले ही प्रदेश भाजपा संगठन में बदलाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है।
@शब्द दूत ब्यूरो (02 मार्च, 2022)
विधानसभा चुनाव के परिणाम आने में भले ही कुछ दिनों का समय हो, लेकिन प्रदेश भाजपा संगठन में बदलाव की सुगबुगाहट महसूस होने लगी है। मतदान के बाद भितरघात की शिकायतों के मद्देनजर भाजपा आलाकमान मदन कौशिक को हटाकर प्रदेश संगठन की जिम्मेदारी गढ़वाल मंडल से किसी वरिष्ठ नेता को सौंप सकता है।
यदि भाजपा फिर से सत्ता में आती है तो वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है। दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से हुई पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की मुलाकात को इस कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है। उधर, विधानसभा चुनाव में भितरघात की एक के बाद एक शिकायतों से असहज भाजपा 10 मार्च तक वेट एंड वाच की रणनीति पर चल रही है। यही कारण है कि इस विषय पर पार्टी फिलहाल चुप्पी साधे है।
अब जबकि पांचवीं विधानसभा के चुनाव के लिए मतदान हो चुका है और 10 मार्च को मतगणना होनी है तो प्रदेश संगठन में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। असल में कौशिक हरिद्वार जिले से आते हैं और वह हरिद्वार सीट से चुनाव मैदान में हैं। चुनाव के दौरान वह बड़े नेताओं की सभाओं में तो शामिल हुए, लेकिन ज्यादा समय उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में ही बिताया।
इस बीच 14 फरवरी को मतदान के तुरंत बाद हरिद्वार जिले से ही चुनाव में भितरघात की बात मुखर हुई। तब लक्सर से भाजपा प्रत्याशी एवं विधायक संजय गुप्ता ने प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर ही भितरघात का गंभीर आरोप लगाया था। यद्यपि पार्टी ने इस प्रकरण का संज्ञान लिया है, लेकिन अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
चर्चा है कि कौशिक के चुनाव जीतने और प्रदेश में फिर से भाजपा की सरकार बनने की स्थिति में उन्हें मंत्री बनाया जा सकता है। यदि परिस्थितियां अनुकूल रहीं तो संगठन में क्षेत्रीय संतुलन साधा जाएगा। मुख्यमंत्री कुमाऊं से होंगे तो गढ़वाल मंडल से किसी वरिष्ठ नेता को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। इसके लिए एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत का हवाला भी दिया जा सकता है।