@शब्द दूत ब्यूरो (01 मार्च, 2022)
*जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में 1977 में 1125 हॉग डियर थे। वही 2000 में इनकी संख्या घटकर 294 और 2008 में 233 रह गई थी। पिछले साल हुई गणना में केवल 100 हॉग डियर ही पाए गए।*
उत्तराखंड के रामनगर स्थित विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क को बाघ के लिए जाना जाता है। कॉर्बेट पार्क का वातावरण बाघ व अन्य वन्यजीवों के लिए अनुकूल माना जाता है। इसके चलते कॉर्बेट में बाघ, हाथी, गुलदार सहित अन्य वन्यजीवों की संख्या में बढोतरी हो रही है। लेकिन दलदली क्षेत्र में पाए जाने वाले हॉग डियर की संख्या में कमी आने से पार्क प्रशासन चिंतित है।
कॉर्बेट के दलदली क्षेत्रों में पाए जाने वाले हॉग डियर को कॉर्बेट का वातावरण रास नहीं आ रहा है। इस वजह से हॉग डियर की संख्या तेजी से घट रही है। हॉग डीयर एक प्रकार की हिरण की प्रजाति होती है, जो अन्य हिरण की प्रजातियों से दुर्लभ होती है। हॉग डियर नदी के आसपास दलदली क्षेत्र में रहते हैं।
कॉर्बेट प्रशासन ने हॉग डियर की गतिविधियों को मॉनिटर कर एक प्रस्ताव तैयार किया है। इस प्रस्ताव के पास हो जाने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। देखने वाली बात ये है कि भविष्य में हॉग डियर की संख्या बढ़ाने के लिए की जा रही इस कवायद का कितना असर होगा।
आपको बता दें कि 1977 में कॉर्बेट में 1125 हॉग डियर थे। वही साल 2000 में इनकी संख्या घटकर 294 और 2008 में 233 हो गई थी। जिम कॉर्बेट में कई सालों से हॉग डियर की जनसंख्या तेजी से कम हो रही है। इसे देखते हुए कॉर्बेट प्रशासन ने पिछले साल कॉर्बेट में हॉग डियर की गणना करवाई थी। इसमें केवल 100 हॉग डीयर ही मिले।
इस चौकाने वाले नतीजे के बाद पार्क के अधिकारियों की चिंता बढ़ गई थी। इसके बाद पार्क निदेशक ने कॉर्बेट में हॉग डियर के मूवमेंट को मॉनिटर करने के निर्देश दिए थे। हॉग डियर की संख्या में इजाफा हो इसके लिए पार्क के अधिकारियों ने कोशिशें तेज कर दी थी।
कॉर्बेट के डायरेक्टर राहुल ने बताया कि कालगढ़ डैम बनने के बाद कॉर्बेट में हॉग डियर की संख्या घटी है। इसे मॉनिटर कर हॉग डियर के संरक्षण के लिए एक प्रस्ताव तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेजा गया है। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव पास होते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।