@शब्द दूत ब्यूरो (24 फरवरी, 2022)
उत्तराखंड में पोस्टल बैलेट में गड़बड़ी की आशंका वाले वीडियो के वायरल होने के बाद से खलबली मची हुई है। उत्तराखंड की मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सैन्य क्षेत्र की इस वीडियो को लेकर सभी रिटर्निंग अफसरों के माध्यम से सेना के अधिकारियों से जानकारी मांगी है।
उधर इस बीच चुनाव आयोग ने संज्ञान लेते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत के खिलाफ पिथौरागढ़ पुलिस को एक केस दर्ज करने का आदेश दिया है। चूंकि रावत ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें कथित तौर पर मतपत्र से छेड़छाड़ दिखाई गई थी। वहीं, पिथौरागढ़ पुलिस का कहना है कि जांच के लिए डीडीहाट थाने में भी केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस के अनुसार उक्त मामले में डीडीहाट विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीपपाल की ओर से मंगलवार को चुनाव आयोग और पुलिस को लिखित शिकायत दी गई थी।
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया में एक वीडियो जारी किया था, जिसमें सैन्य क्षेत्र में एक ही कर्मचारी सभी के नाम से पोस्टल बैलेट से मतदान कर रहा है। इस वीडियो में वही कर्मचारी सभी के हस्ताक्षर भी करता हुआ दिख रहा है। इस वीडियो को उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भी टैग किया था।
शिकायत का संज्ञान लेने के बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने सभी सैन्य क्षेत्रों से जुड़ी विधानसभाओं के रिटर्निंग अफसरों से जवाब मांगा है। यह रिटर्निंग अफसर, सेना के अफसरों से पोस्टल बैलेट से मतदान की प्रक्रिया को लेकर जवाब मांगेंगे। इसके बाद निर्वाचन कार्यालय को अपनी रिपोर्ट देंगे। इस रिपोर्ट के आधार पर चुनाव आयोग आगे का निर्णय लेगा। वहीं, मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या का कहना है कि रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।
बता दें कि इस बार के विधानसभा चुनाव में पहली बार 80 वर्ष से अधिक आयु वाले और दिव्यांग मतदाताओं को घर से वोट डालने का विकल्प दिया गया था। कांग्रेस ने इस मतदान की प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस का कहना है कि तमाम विधानसभा क्षेत्रों में ऐसे मतदाता हैं, जिनकी जानकारी प्रत्याशियों को नहीं थी। उनका वोट भी डल गया, लेकिन उन्हें पता नहीं चला। कांग्रेस ने इसकी लिखित शिकायत निर्वाचन कार्यालय से की है, जिसकी जांच की जा रही है।
जो वीडियो पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया में पोस्ट की है, वह डीडीहाट विधानसभा क्षेत्र की बताई जा रही है। जिस सैन्य क्षेत्र में यह वीडियो बनाई गई है, वहां के सैन्य अफसर अब इस मामले में अपनी सफाई देंगे। उनका पक्ष आने के बाद ही चुनाव आयोग कोई निर्णय लेगा।