Breaking News

विशेषज्ञों ने तैयार किया अनोखा फूड पैक, लंबे समय तक ताजा रहेंगी मछली-मांस और सब्जियां

विशेषज्ञों ने एक ऐसा फूड पैक तैयार किया है जिसमें मछली, मांस और सब्जियों को लंबे समय तक ताजा रखा जा सकेगा। इससे सब्जियां व अन्य खाद्य पदार्थ ताजे रहेंगे क्योंकि हानिकारक बैक्टीरिया को मारने के लिए इसमें रोगाणुरोधी प्रक्रिया स्वतः ही जारी रहेगी।

@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (03 जनवरी, 2022)

तो क्या इस नए ‘स्मार्ट पैक’ से फूड प्वाइजनिंग का अंत हो जाएगा? दरअसल, विशेषज्ञों ने एक ऐसा फूड पैक तैयार किया है जिसमें मछली, मांस और सब्जियों को लंबे समय तक ताजा रखा जा सकेगा। इससे सब्जियां व अन्य खाद्य पदार्थ ताजे रहेंगे क्योंकि हानिकारक बैक्टीरिया को मारने के लिए इसमें रोगाणुरोधी प्रक्रिया स्वतः ही जारी रहेगी। इसे हार्वर्ड और नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने बनाया है।

इसे विकसित करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि स्मार्ट फूड पैकेजिंग जो ई कोलाई और लिस्टेरिया जैसे हानिकारक बैक्टीरिया को मारने के लिए धीरे-धीरे रोगाणुरोधी छोड़ती रहती है जिससे मछली, मांस, फल और सब्जियों को लंबे समय तक ताजा रख सकती है। प्रयोगशाला में किए गए परीक्षणों में स्मार्ट पैक नियमित पैकेजिंग की तुलना में फलों दो-तीन दिनों तक अधिक ताजा रखने में सक्षम पाया गया। हार्वर्ड और नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित वाटरप्रूफ पैक पारदर्शी होने के साथ प्लास्टिक जैसा दिखता है।

बायोडिग्रेडेबल होने के चलते इससे कचरा नहीं बढ़ेगा और पर्यावरण के लिए हानिकारक भी नहीं होगा। विशेषज्ञों के अनुसार, पैकेजिंग उद्योग जीवाश्म ईंधन से प्राप्त सिंथेटिक प्लास्टिक का सबसे बड़ा उपभोक्ता है और प्लास्टिक कचरा थोक में बढ़ रहा है।

सिंगापुर के नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के बायोइंजीनियर मैरी चैन-पार्क ने कहा, यह आविष्कार खाद्य उद्योग में पैकेजिंग के लिए एक बेहतर विकल्प के रूप में काम करेगा। यह प्लास्टिक जैसे वाणिज्यिक खाद्य पैकेजिंग में उपयोग किए जाने वाले पेट्रोलियम-आधारित पॉलीमर के पर्यावरण के अनुकूल विकल्प के रूप में काम कर सकता है।

शोधकर्ताओं ने बताया कि नई पैकेजिंग के उत्पादन की लागत नियमित प्लास्टिक जितनी है और भविष्य में इसके सस्ता होने की संभावना है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे बायोमास से आवश्यक सामग्री निकालने के लिए उपयोग की जाने वाली प्रौद्योगिकियों में सुधार की उम्मीद है।

एंटीमाइक्रोबायल्स तब रिलीज होती है जब बैक्टीरिया या उच्च आर्द्रता मौजूद हो। जरूरत पड़ने पर ही यह सुरक्षा प्रदान करता है। इस प्रकार रसायनों के उपयोग को कम करके डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों की प्राकृतिक ताजगी बनाए रखता है। भोजन से जुड़े असंख्य बैक्टीरिया और फंगस का मुकाबला करने में बेहतर परिणाम मिले जो लोगों के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

Check Also

रिपोर्ट: भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं बूढ़े लोग, 27 साल बाद हर पांच में से एक व्यक्ति होगा वृद्ध

🔊 Listen to this @नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (28 सितंबर, 2023) आज के युवा …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

googlesyndication.com/ I).push({ google_ad_client: "pub-