@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो
तमाम कोशिशों और सावधानी के बावजूद कोविड का कहर बढ़ रहा है। सूत्रों के अनुसार अब एक बार फिर देश में कम से कम 21 दिन के संपूर्ण लॉकडाउन की तैयारी की जा रही है। बड़ी बात यह है कि जनता के संभावित विरोध को देखते हुए इस बार पुलिस के बजाय सेना को हालात सुधारने के लिए जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।पूरे लॉकडाउन के दौरान सेना ही मोर्चा संभालेगी। इसके लिए सेना और अर्द्धसैनिक बलों को अलर्ट कर दिया गया है। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी भी कह चुके हैं कि लॉकडाउन अंतिम विकल्प के रूप में होगा। पर क्या अब पीएम मोदी के मुताबिक कोरोना महामारी से निपटने के लिए लॉकडाउन का अंतिम विकल्प अपनाना होगा?
सुप्रीम कोर्ट ने भी रविवार को कहा है कि वैक्सीन के काम में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार, सेनाओं और अर्धसैनिक बलों के लिए काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों का भी इस्तेमाल कर सकती है। सर्वोच्च अदालत ने केंद्र और राज्य सरकारों को आदेश दिया है कि वे लॉकडाउन लगाने के बारे में गंभीरता से विचार करें।
इस बार जितनी तेजी से संक्रमण फैल रहा है उससे देश की स्वास्थ्य सुविधायें नाकाफी साबित हो रही है। दवाओं आक्सीजन और चिकित्सा उपकरणों की भारी कमी हो गई है।