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फैक्ट चैक : सासंद के हवाले से कोरोना की दवाई बनने का फर्जी मैसेज हुआ वायरल

@शब्द दूत ब्यूरो

पिछले वर्ष सोशल मीडिया पर एक  मैसेज वायरल होना शुरू हुआ। जो कि गलत साबित हुआ। और अब फिर वही मैसेज एक बार फिर वायरल हो रहा है।

पिछले साल वाट्सऐप से लेकर ट्विटर तक प्रसारित हुये इस मैसेज में कहा गया था कि काली मिर्च का सेवन कोरोना से बचा सकता है। यही नहीं बाकायदा ये भी लिखा गया कि पांडिचेरी मेडिकल कॉलेज के एक छात्र ने इसे बनाया है। साथ ही वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन इसे मंजूरी भी दे चुका है।। आश्चर्य की बात यह है कि इस बार यह मैसेज लोकसभा सासंद सत्यपाल सिंह के नाम वायरल किया जा रहा है। 

वायरल मैसेज ये है 

एक सुखद समाचार 
अन्ततोगत्वा पॉन्डिचेरी विश्व विद्यालय के एक भारतीय छात्र रामू ने Covid19 का घरेलू उपचार खोज लिया जिसे WHO ने पहली बार में ही स्वीकृति प्रदान कर दी।
उसने सिद्ध कर दिया कि एक चम्मच भरकर काली मिर्च का चूर्ण,
दो चम्मच शहद,
थोड़ा सा अदरख का रस
लगातार 5 दिनों तक लिया जाय तो कोरोना के प्रभाव को 100%तक समाप्त किया जा सकता है।
सम्पूर्ण जगत इस उपचार को लेना आरम्भ कर रहा है।अन्ततः2021 में एक सुखद अनुभव।
इसे अपने सभी समूहों में प्रेषित अवश्य करें।
धन्यवाद:-
*डॉ सत्यपाल सिंह, सांसद लोकसभा*

वैसे तो ये बात सही है कि काली मिर्च का सेवन हमारे देश में सैकड़ों सालों से कई बीमारियों में किया जाता रहा है. आयुर्वेद में भी काली मिर्च के आधार पर कई दवाइयां तैयार होती हैं। 

ये भी सही है कि एक जमाने में काली मिर्च का इस्तेमाल चिकित्सीय कामों में ही होता था. खाने के मसाले के तौर पर उसकी उपयोगिता बाद में शुरू हुई. इसलिए भारत में पैदा होने वाली काली मिर्च 16-17वीं शताब्दी में सोने के भाव बेची जाती थी. भारत में पैदा होने वाली काली मिर्च की विदेशों में बड़ी मांग थी। इसके अलावा ट्विटर पर भी ये संदेश अंग्रेजी में प्रसारित हुआ। इसमें भी यही दावा किया गया।

जब इसकी सच्चाई के लिए कुछ पत्रकारों ने पांडिचेरी यूनिवर्सिटी के वायस चांसलर से संपर्क किया, तो उन्होंने साफतौर पर इस खबर को फर्जी बताया। 

उनका कहना था कि हमें नहीं मालूम कि ये गलत खबरें कैसी प्रसारित हो रही हैं और कैसे पैदा हुई हैं लेकिन सच्चाई ये है कि यूनिवर्सिटी में ऐसा कुछ नहीं हुआ है और ना ही किसी छात्र ने ऐसा कोई घरेलू नुस्खा तैयार किया है, जिससे कोरोना का उपचार हो सकता है। 

विश्व स्व्वास्थ्य संगठन ने साफतौर पर अपने वेबसाइट के जरिए ऐसी किसी दवा का खंडन कर दिया था।  वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन ने भ्रामक ख़बरों से बचाव के लिए एक अलग सेक्शन बना रखा है, जिसे लगातार अपडेट किया जाता है। और कहीं अगर कोई अफवाह या फर्जी खबर वायरल हो रही हो तो भी डब्ल्यूएचओ इस पर तुरंत संज्ञान लेता है। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि काली मिर्च आपके खाने को स्वादिष्ट बना सकती है लेकिन कोरोना वायरस से नहीं बचा सकती है। हालांकि, WHO ने ये स्वीकार किया है कि कुछ पश्चिमी, पारंपरिक और घरेलू उपचार कोविड-19 के लक्षणों में राहत दे सकते हैं लेकिन वो इस बीमारी का इलाज नहीं हैं। 

WHO ने फिर कहा है कि कोरोना वायरस से बचने के लिए लोगों से एक मीटर की दूरी बनाए रखें, लगातार हाथ धोएं, संतुलित खाएं, पानी ठीक से पिएं, व्यायाम करें और अच्छी नींद लें।साथ ही मास्क जरूर पहनें।

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