@शब्द दूत ब्यूरो
राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच रोज नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। अभी तक सिर्फ कोरोना के मामलों में नए रिकॉर्ड बन रहे थे, लेकिन अब डेथ रेट में भी नए रिकॉर्ड बनने लगे हैं, जो बेहद चिंता का विषय है। पिछले चार दिनों में राजधानी दिल्ली में अकेले 240 मौतें हुईं हैं, जिससे श्मशान और कब्रिस्तान दोनों जगहों पर अंतिम संस्कार के लिए भीड़ लगी हुई है। दिल्ली के आईटीओ पर सबसे बड़े कोविड कब्रिस्तान में शवों को दफनाने के लिए जमीन कम पड़ने लगी है। वहीं, श्मशान घाटों पर चिताएं बुझने का नाम नहीं ले रही हैं।
निगमबोध घाट का आलम ये है कि शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए लोगों को कई घटों तक इंतजार करना पड़ रहा है। उसमें भी अगर उसी दिन नंबर आ जाए तो बहुत बड़ी बात। दिल्ली के श्मशान घाटों से कभी इस तरह की तस्वीर सामने आएगी, किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। आलम ये है कि एक साथ चार चिताएं जल रही हैं, और पांचवी जलने के लिए इंतजार में हैं। निगमबोध घाट के पार्किंग में कई एंबुलेंस खड़ी थी, जिसमें कोरोना से मरे लोगों के शव इंतजार में हैं।
ऐसा ही हाल कुछ दिल्ली के आईटीओ में बने सबसे बड़े कोविड कब्रिस्तान में देखने को मिला। जहां जेसीबी से एक के बाद एक कब्रें खोदी जा रही हैं। कब्रिस्तान के रख-रखाव के जिम्मेदार शमीम बताते हैं कि हालात पिछले बार से बहुत बुरे हैं, अब कब्रिस्तान में सिर्फ 90 कब्रों की जगह है, अगर इसी रफ्तार से शव आते रहें तो 10 दिन से कम वक्त में ये कब्रिस्तान भर जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले पांच दिनों में हालात खराब हो गए हैं। बहुत चला तो 10 दिन में कोविड ब्लॉक भर जाएगा। इसके बाद और जगह चाहिए होगी।